रमेश कुमार चौबे, महासचिव, नागरिक अधिकार मंच, ने कहा कि बिहार पुलिस खेलकूद प्रकरण में हमसे संपर्क कर जिन जिन खिलाड़ियों ने बिहार पुलिस खेलकूद की अंदरूनी गड़बड़ियों की जानकारी दिया था उसके आधार पर ही उन सभी की पीड़ा के बारे में मुझे जानकारी प्राप्त हुई l सबने मिलकर अपनी अपनी पीड़ा की जानकारी दी थी l सबने मिलकर मुझसे पुलिस खेलकूद के अंदरखाने के शोषण उत्पीड़न का दर्द भरी अपनी बात कही थी l मेरे मोबाइल नंबर 7004320912 और मोबाइल नंबर 9472312029 पर घंटों बात कर रोज प्रतिदिन बात कर यहाँ तक कि युथ एजेंडा के मेरे कार्यालय तथा मेरे आवास में आकर अपनी अपनी व्यथा को व्यथित भाव से कहा और पुलिस खेलकूद प्रकरण को हाईलाइटर करने तथा उच्चस्त पदाधिकारियों से न्याय दिलाने के लिए मुझसे संपर्क किया l लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि पुलिस मुख्यालय में पदस्थापित तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक श्री पारस नाथ जी के सामने उन सबने बोल दिया कि रमेश कुमार चौबे को नहीं जानते हैं l जबकि ये सारे के सारे मुझसे अनेकानेक बार बातचीत किये हैं सब मेरे कार्यालय में आये हैं और सब मेरे आवास पर आए हैं l
पुलिस खेलकूद के सभी खिलाड़ियों के मोबाईल फोन का सीडीआर निकालने से सबकुछ पारदर्शिता के साथ बिल्कुल स्पष्ट हो सकता है l पुलिस खेलकूद में कदाचार व्यभिचार यौन उत्पीड़न की बात को सभी खिलाड़ियों ने आकर मुझसे मिलकर बताया l मेरा किसी के साथ कोई दुर्भावना नहीं है और न किसी जमीन जायदाद और मान सम्मान का टकराव है l किसी खिलाड़ी से कोई ईगो डिस्प्यूट भी नहीं है l योग्यता की मैं कद्र करता हूँ और कामचोरों को देखना नहीं चाहता हूँ l जब सबने मिलकर सबने आकर बताया कि मैं फला फला पुलिस पदाधिकारियों से पीड़ित प्रताड़ित शोषित उत्पीड़ित हूँ तो मैंने मानवीय मूल्यों के आधार पर संवेदनाओं के आधार पर जनकल्याण की नीयत से सबकुछ निर्भीकता से किया l कौन किसके साथ इंटैनगिल है कौन किसका मसाज करता है और कौन किसके साथ लिव इन रिलेशनशिप की तरह रहता है यह सब कुछ जानकारी सबने मिलकर सबने आकर अपनी जुबानी दिया था l
खैर मुझे लगता है कि अब इस बात से कुछ लेना देना नहीं है l भोजपुरी में एक कहावत है कि मियाँ बीबी राजी तो क्या करेगा कोई पाजी l सहमति से सबकुछ ठीक है नैतिकता अनैतिकता की बात अलग है l सच तो यह है कि बलात नहीं होना चाहिए अपराध नहीं होना चाहिए l आज अगर कोई भी जो भी जिनको भी लगता है कि आहत हूँ और गलत जानकारी के आधार पर गलत लिखा गया है तो उन सभी लोगों से भी मेरा स्पष्ट रूप से कहना है कि आप उन लोगों की करतूतों की प्रामाणिक जानकारी देते हैं तो मैं सब कुछ उसी तरह से ओपेनली लिखूंगा जिस तरह से उनलोगों के दिये जानकारी के आधार पर लिखता था l एक बात स्पष्ट रूप से कह देता हूँ कि ईश्वर के अलावे किसी से नहीं डरता हूँ और जानबूझ कर कोई गलत काम नहीं करता हूँ और अनजाने में गलत काम अगर हो जाता है तो प्रायश्चित के लिए खेद भी व्यक्त करता हूँ l इसलिए जो लोग दिमाग लगा रहे हैं लगा रहे होंगे कि बाबा को डरा धमकाकर सत्य को उजागर करने से रोक सकते हैं तो वो लोग किसी गफलत में नहीं रहें l मैं गलत बर्दाश्त नहीं कर सकता हूँ और अपराधियों के धमकी गीदड़ घुड़की से डरता भी नहीं हूँ l बिहार पुलिस खेलकूद में कल भी सब कुछ सही नहीं था और आज भी अब भी सबकुछ ठीक नहीं हो रहा है l खिलाड़ी मेडल नहीं लाता है खेलकूद में मन नहीं लगाता है तो बिहार पुलिस खेलकूद टीम बनाने की क्या जरूरत है l कोंच ठीक से कोचिंग करें ठीक से प्रशिक्षित करे और खिलाड़ी ठीक से खेले और मेडल जीतने के लिए खेले तो ठीक है अन्यथा हरामखोरों को बेनकाब करूँगा l
अगर कोई खिलाड़ी अपराधी है अपराध में संलिप्त है हत्याकांड जैसे किसी केस का नामित है या फिर कोई अपराधिक प्रवृति का है तो खेल वृति में उसे बने रहने का कोई अधिकार नहीं है l पुलिस खेलकूद में रहे और पुलिस खेलकूद कोटा में बहाल हुवे तमाम खिलाड़ियों और सभी कोंच प्रशिक्षकों का शैक्षणिक योग्यता प्रमानपत्रों की गहराई से जाँच होनी चाहिए और खेलकूद कोटा पर बहाल सभी के खेलकूद प्रमानपत्रों की वैधानिकता की जाँच होनी चाहिए l हमने अपने जीवन में हमेशा सच्चाई का साथ दिया है और जिनलोगों ने मुझसे सच्चाई को छिपाकर भ्रमित कर गलत काम के लिए साथ देने या पैरवी करने के लिए मुझे भावनाओं के भ्रमजाल में लेकर दुरूपयोग किया है तो बाद में कभी भी जब भी वास्तविक सच्चाई पता चलता है तो उस प्रवृति के लोगों को माफ नहीं कर सकता l सादर नमस्कार के साथ सबसे निवेदन करना चाहता हूँ कि पूर्ण रूप से प्रामाणिक जानकारी दें सबूत दें ताकि सबके लिए सबके न्याय के लिए लड़ाई लड़ सकूँ l पारदर्शिता और स्पष्टवादिता और माननीय मूल्य के लिए कार्य करना ही मेरी पूंजी है नैतिकता है l