May 19, 2025
Ahaan News

लिटेरा पब्लिक स्कूल ने हर्ष और श्रद्धा के साथ मनाया मातृ दिवस

विद्यालय की निर्देशिकाएं श्रीमती ममता मेहरोत्रा, श्रीमती श्रुति मेहरोत्रा एवं श्री अशुतोष मेहरोत्रा की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक गौरवपूर्ण बनाया

पटना : लिटेरा पब्लिक स्कूल ने मातृ दिवस बड़े ही उत्साह, प्रेम और कृतज्ञता के साथ मनाया। यह अवसर माननीय मुख्य अतिथि श्री प्रणव कुमार, आईएएस, सचिव, गृह विभाग की गरिमामयी उपस्थिति से और भी विशेष बन गया। साथ ही, विद्यालय की निर्देशिकाएं श्रीमती ममता मेहरोत्रा, श्रीमती श्रुति मेहरोत्रा एवं श्री अशुतोष मेहरोत्रा की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक गौरवपूर्ण बनाया।


कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों—गीत, नृत्य, नाटक और कविताओं—ने माताओं के प्रति हार्दिक श्रद्धा और सम्मान को भावपूर्ण ढंग से प्रकट किया। एक जादू का कार्यक्रम ने सभी को रोमांचित किया और आनंदित कर दिया। साथ ही, माताओं और छात्रों के लिए आयोजित संवादात्मक खेल और गतिविधियाँ पूरे आयोजन का विशेष आकर्षण रहीं, जिन्होंने उनके बीच के रिश्ते को और भी प्रगाढ़ बनाया।


श्री प्रणव कुमार ने विद्यालय द्वारा पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की और विद्यार्थियों की प्रतिभा व उत्साह की प्रशंसा की। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और माताओं के प्रति सम्मानपूर्ण अभिव्यक्ति के साथ हुआ, जो सभी के लिए एक अविस्मरणीय स्मृति बन गई।
 

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
Read More
May 19, 2025
Ahaan News

आतंकियों के भाईयों को भाजपा में जगह क्यों ?

RSS और BJP एक ऐसा संगठन जहां कोई वक्तव्य देने से पहले संगठन की स्वीकृति लेनी आवश्यक है

भारतीय जनता पार्टी (BJP) का नेतृत्व जब से नरेन्द्र दामोदर दास मोदी को मिला नेतृत्व की जिम्मेवारी तो वहीं अमित शाह को मिला तब से संगठनात्मक संरचना बहुत मजबूत हुआ और जिसका परिणाम यह हुआ कि केंद्र की सत्ता के साथ ही राज्यों में डबल इंजन की सरकारें बनाई। नेतृत्व का प्रभाव ही इसे कहेंगे कि जिस भारतीय जनता पार्टी को सींचने में अटल और आडवाणी के साथ हर राज्य व जिला स्तरीय लोगों का प्रयास रहा जो आज बनकर मोदी और शाह को मिला। हिन्दू राष्ट्र बनाने में लगे रहने का ढोंग करते करते अब नरेंद्र दामोदर दास मोदी और अमित शाह जाति गिनने का काम शुरू कर दिया है।

बंटोगे तो कटोगें का नारा देने वाली राजनीति में भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान शीर्ष के नेताओं ने हर मर्यादा तोड़ कर रख दिया। नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने CAA पर बोलते हुए कहा था कि - "कपड़ों से पहचाने जा सकते हैं दंगाई कहकर एक नाकारात्मक विचार प्रधानमंत्री के रूप में देश को सौंपा। केन्द्रीय नेतृत्व में नरेंद्र दामोदर दास मोदी के आने के बाद मुस्लिम देशों का दर्जनों दौरा और पाकिस्तान में कई बार जाकर यह तो साबित कर दिया कि उनका कथनी और करनी में अंतर है। भारत के नागरिकों को नरेंद्र मोदी ने यह समझाया कि मैं हिंदू हूं और आम लोगों को मुस्लिम से नफ़रत करने की शिक्षा दी।

जैसा की आप सभी जानते हैं कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बड़ी आतंकवादी घटना हुई और उसके प्रतिशोध में भारतीय सेना के नेतृत्व में तीन-चार दिनों तक चलाया गया। वहीं चंद दिनों पहले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कहा हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी पहली बार दुनिया के सामने आई वह भी अधिकारिक तौर पर जब आपरेशन सिंदूर को लेकर जानकारी साझा करने की जिम्मेवारी सेना ने उन्हें दिया।

आपको जानना चाहिए कि विजय शाह हैं कौन जिसके खिलाफ हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक होकर प्राथमिकी दर्ज कराई, फिर भी वह मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री के पद पर विजय शाह गर्व के साथ बैठा हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर BNS की धारा 152 के तहत केस दर्ज हुआ मगर कार्यवाही के नाम पर भारतीय जनता पार्टी और आतंकवाद पर जीरो ड्रलेन्स रखने वाले नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने चुप्पी साध ली है।

अगर देश यह स्वीकार कर लिया है कि भारतीय सेना में शामिल और आपरेशन सिंदूर जिसके कंधों पर थी वह कर्नल सोफिया कुरैशी आतंकवादियों की बहन हैं तो यह सोच़ना पड़ेगा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में जिन मुस्लिम लोगों को सदस्य बनाया गया या जिम्मेवारी सौंपी गई हैं वह आतंकवादियों के रिश्ते में क्या लगते हैं?

वर्तमान समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बात करें तो उसने माइनोरिटी मंच बनाकर सैंकड़ों मुस्लिम लोगों को जिम्मेवारी सौंपी गई है तो उसमें सबसे पहली बार बेवसाइट पर प्राप्त हुआ तो श्री के साथ सभी के नाम सम्मान के साथ उपलब्ध है। श्री अब्दुल राशिद अंसारी को मंच का अध्यक्ष बनाया गया है।

आगे बढ़ते हैं तो वर्तमान बिहार राज्य में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान जो कि मुस्लिम हैं और नाम से ही पहचाना जा सकता है उन्हें विजय शाह के शब्दों में आतंकवादियों का भाई क्यों ना माना जाए ?

वहीं नजमा हेपतुल्लाह जो भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से सदन के सदस्यों के साथ जब मणीपुर को जलाया गया तो राज्यपाल थी। इन्हें विजय शाह के शब्दों में आतंकवादियों की बहन कहा जाए ?

और अगर आगे बढ़ते चले तो पाएंगे कि अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में चली पहली सरकार में सैयद शाहनवाज हुसैन को संसद का सदस्य ही नहीं बल्कि उन्हें केन्द्रीय राज्यमंत्री भी बनाया गया था और नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी के नेतृत्व में भले ही टिकट नहीं दिया भारतीय जनता पार्टी ने लेकिन 2020 में बिहार का उद्योग मंत्री पद पर बैठाया। तो नाम से जाना जाता है कि मुस्लिम समुदाय के आने वाले हुसैन को विजय शाह के शब्दों में आतंकवादियों का भाई क्यों ना माना जाए ?

और आगे बढ़ते हैं तो पता चलता है कि पीएम मोदी ने अपने पहले कैबिनेट में मुख्तार अब्बास नकवी मंत्री बनाया था। 2014 में केंद्रीय राज्यमंत्री और 2016 में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। वहीं मोदी काल में 2019 में दोबारा केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री बनाए गए। थोड़ा और पीछे जाए तो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री भी थे। वहीं मुख्तार अब्बास नकवी को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था। तो आप समझते हुए आगे बढ़े तो विजय शाह के शब्दों में आतंकवादियों का भाई क्यों ना समझा जाए।

एक और नाम की ओर बढ़ते हैं तो पाते हैं कि सैयद ज़फ़र इस्लाम एक भारतीय राजनीतिज्ञ और उत्तर प्रदेश राज्य से राज्यसभा के पूर्व सांसद हैं । वह वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं में से एक हैं। इस्लाम एक पूर्व निवेश बैंकर और ड्यूश बैंक की भारतीय सहायक कंपनी के पूर्व प्रबंध निदेशक हैं । उन्होंने 2017 से 2020 तक एयर इंडिया के गैर-आधिकारिक स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी कार्य किया । ऐसे लोगों को जिन्हें भारतीय जनता पार्टी ने भारत में बड़े बड़े जिम्मेवारी सौंपी वैसे लोगों को भाजपा के लिए वर्तमान मध्य प्रदेश के मंत्री के शब्दों में आतंकवादियों का भाई क्यों ना समझा जाएं?

थोड़ा और नजदीक समय में देखते हैं तो रिकमन मोमिन को मेघालय बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष  2023 बनाया गया तो ऐसे को भी आतंकवादियों का भाई क्यों ना समझा जाएं।

आज का यह आलेख इस आधार पर लिखा गया हैं क्योंकि भारतीय न्याय संहिता ( BNS ) के आधार पर भारतीय न्यायपालिका के सर्वोच्च न्यायधीशों के द्वारा जब मध्य प्रदेश सरकार को आदेश दिया तो FIR में भी धोखाधड़ी किया गया और पुनः हाईकोर्ट ने आपत्ति जताई तो पुनः एक नया FIR  हुआ और इसके आधार पर 7 साल की सज़ा मिल सकती हैं या कहें इस धारा के तहत 7 साल की सज़ा सुनिश्चित हैं।

लेकिन भारतीय जनता पार्टी के होने के कारण सजा और पद मुक्त करने की स्थिति नहीं दिखाई देती हैं। अगर मुस्लिम देश के लिए खतरा है तो नरेंद्र दामोदर दास मोदी का पाकिस्तान में बिना सूचना पहुंच कर बिरियानी खाना कैसा कदम था। वहीं नरेंद्र दामोदर दास मोदी अपने प्रधानमंत्री के रूप में दुनिया के दर्जनों मुस्लिम देशों का दौड़ा किया और वहां के सत्ताधीशों के साथ मिलकर मस्जिदों में नमाज अदा किया सर झुकाया इसे क्या कहेंगे?

देश का शासक ऐसा हो कि जो बोले वह करें।

कथनी और करनी में अंतर देश के लिए ही खतरा नहीं है बल्कि आतंरिक सुरक्षा और शांति के लिए भी खतरा है। जिसे लगातार देश महसूस कर रहा है। देश में लाखों युवाओं ने नरेंद्र दामोदर दास मोदी को अपना आदर्श मानकर हिन्दू धर्म सर्वोपरि के नारों के साथ छोटे छोटे क्षेत्रों में हिन्दुत्व को मजबूत करने का प्रयास करते रहे और सैकड़ों नवजवानों की बलि चढ़ा दी। वहीं उन नवयुवकों को 2014 के बाद हिन्दुत्व के काम के कारण कई बार जेल जाना पड़ा और दर्जनों मुकदमों से रोज गुजरना पड़ता है।

देश में अब धर्मवाद के बाद जातिवादी व्यवस्थाओं को मजबूती मिलने की तैयारी हैं और मारकाट की नींव रख दी गई हैं।


जय हिन्द जय भारत
 

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
Read More
May 19, 2025
Ahaan News

बैठकी ~~~~~ विगत 11 बर्षों में भारत बदल चूका है

इसबीच बेटी चाय का ट्रे रख गई और हमसभी एक एक कप उठाकर पुनः वार्ता में......


बैठकी जमते हीं मास्टर साहब बोल पड़े--"सरजी, पाकिस्तान के साथ हुए तीन दिनों के युद्ध ने हम भारतियों को सोचने पर बाध्य कर दिया है कि अगर 16 मई 2014 को हमारे देश की जनता ने आदरणीय मोदीजी को देश का प्रधानमंत्री नहीं बनाया होता तो आज हमारी कितनी दुर्गत की स्थिति रहती!! जनता ने मोदीजी के कंधे पर देश चलाने की जिम्मेवारी सौंप दी। उसके बाद से हीं भारत हर क्षेत्र में सशक्त होता चला गया। चाहे वो अर्थव्यवस्था हो या राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था, गरीबी उन्मूलन हो या स्वास्थ्य सुविधा, यातायात व्यवस्था हो यां वैज्ञानिक अनुसंधान उपलब्धियां, कृषि उत्पादन हो या शिक्षा व्यवस्था, स्वदेशी उत्पादन हो या वैश्विक प्रस्थिति आदि आदि।
आज जिसको जो भाषा समझ में आती है हम उसको,उसकी भाषा में हीं समझाने में सक्षम हैं। 11 बर्षों में हमारा भारत कितना बदल गया है!!"

मास्टर साहब, हमें आज से 12-13 साल पहले का, कांग्रेस के शासनकाल में हमारे सेना की कितनी दयनीय स्थिति थी वो याद है। भारतीय सेना के पास न हथियार थे और न गोला बारूद। पाकिस्तानी आंतकी हमारे सैनिकों के सिर काट कर उससे फुटबॉल खेलते थे लेकिन मनमोहन सिंह, लालू और मुलायम की सरकार खामोश रहती थी।--उमाकाका दुखी लगे।

काकाजी, मुझे भी याद है जब तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह,को चिट्ठी लिखी थी कि हमारी सेना के पास गोला बारूद की कमी है,हमारा एयर डिफेंस सिरस्टम कमजोर है, हमारे सैनिकों के लिए न प्रयाप्त बुलेट प्रूफ हैं और न गाड़ियां,हालत चिंताजनक है। लेकिन सरकार ने ध्यान हीं नहीं दिया।कांग्रेस सरकार को देश की सुरक्षा की  चिंता हीं नहीं थी।--कुंवरजी अखबार पलटते हुए।

अजी कांग्रेस सरकार में कोई भी रक्षा सौदा बगैर दलाली और कमिशनखोरी के होता हीं नहीं था। राफेल जैसे सौदे, कमिशन तय नहीं होने के चलते अटके रहे। बोफोर्स तोप घोटाला तो याद हीं होगा!!कांग्रेस सरकार में रक्षा सौदे बर्षों लटके रहते थे, स्वदेशी निर्माण के प्रति सरकार की रुचि हीं नहीं दिखी। देश की सुरक्षा से समझौता कर लिया जाता था लेकिन जेब भरने का लालच नहीं छोड़ा जाता था।--सुरेंद्र भाई मुंह बनाये।

अजी, कांग्रेस राज में लूट के प्रमाण समझने के संदर्भ में,सेना के लिए सिर्फ जुते खरीद की असलियत समझियेगा तो आप दंग रह जाएंगे!!जयपुर की कंपनी सेना के लिए जुते बनाती थी जो इजरायल खरीद लेता था फिर वही जुते भारत सरकार,सैनिकों के लिए खरीदती थी। इजरायल से भारत 25000 रुपये प्रति जोड़ी की दर से खरीदता था। मोदी सरकार में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर वहीं जुते जयपुर की कंपनी से डायरेक्ट मात्र 2200 रुपये में सेना को उपलब्ध कराने लगे। अब आप सोचिये!! बर्षों तक कांग्रेस ने कैसी लूट मचा रखी थी।--मास्टर साहब बुरा सा मुंह बनाये।

ठीक बोले मास्टर साहब,2014 के बाद जब मोदी सरकार आयी तब जाकर, सेना की हालात में तेजी से सुधार होना शुरू हुआ। प्रधानमंत्री ने देश की सुरक्षा को गंभीरता से लिया और सेना को वो सारे साजो सामान उपलब्ध करायें जो उनकी जरूरत थी। मेक इंडिया के तहत भारत स्वदेशी हथियार बनाने और इस क्षेत्र में विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया। नतीजतन तेजस फाइटर जेट, प्रचंड अटैक हैलिकॉप्टर, रुद्र,एचटीटी-40 ट्रेनर प्लेन, धनुष तोप, पिनाका रॉकेट सिस्टम,आकाश मिसाइल डिफेंस सिरस्टम, भारत ने खुद बनाया। रुस से मिलकर एके-203 रायफल और आज विश्व में तहलका मचाने वाला "ब्रह्मोस मिसाइल" बनाया गया। नौसेना को आइएनएस विक्रांत, वरुणास्त्र टॉरपीडो और अगली पीढ़ी के मिसाइल वेसल्स मिले जिससे हमारी समुद्री सुरक्षा ताकत बढ़ी। विदेशी सौदों में भी पार्दर्शिता रही और फ्रांस से राफेल जेट, इजरायल से एमक्यू -9 ड्रोन, अमेरिका से सी-295 ट्रांसपोर्ट विमान और रुस से एस-400 मिसाइल सिस्टम भारत आया। जिसका परिणाम हमलोगों ने हाल के पाकिस्तान के साथ हुए तीन चार दिनों के युद्ध में हीं देख लिया न!! नतीजतन भारत का लोहा विश्व मानने को मजबूर दिख रहा है।--डा. पिंटू हाथ चमकाये।
इसबीच बेटी चाय का ट्रे रख गई और हमसभी एक एक कप उठाकर पुनः वार्ता में......

जनता को याद रखना चाहिए कि यही कांग्रेस और विपक्षी हैं जो राफेल और एस-400 को भारत लाने में कितने हाय तौबा और रोड़ै अटका रहे थे। राफेल को लेकर तो रोड़े अटकाने के क्रम में सुप्रीम कोर्ट तक चले गये थे। याद है न!! राफेल डील को लेकर यही राहुल बोला था कि चौकीदार चोर है जिसके लिए उसे कोर्ट से फटकार मिली थी। कहता था --"राफेल डील घोटाला है,एस-400 से ज्यादा जरूरी तो लंच टाइम डिबेट है"। आज देश की जनता सुरक्षित है क्योंकि मोदी ने अपनी 56 इंच की छाती सच में सिद्ध किया है। अन्यथा इन इंडी गठबंधन का राज होता तो हमारी आपकी हेकड़ी मलबे में दबी मिलती।--मास्टर साहब उत्तेजित लगे।

सरजी, मोदी सरकार और हमारी सेना ने सिद्ध कर दिया कि अगर सीमा पार से गोली चलेगी तो जबाब में इधर से गोला चलेगा। अगर तुम हमारे निर्दोषों की हत्या करोगे तो हम तुम्हारे आतंकी अड्डों को नष्ट कर देंगे चाहे पाकिस्तान के किसी कोने में छुपे हो। दुनिया ने देखा और अब तो खुद पाकिस्तानियों ने भी स्वीकार कर लिया है कि भारत ने उसके 9 आतंकी ठिकानों को पुरी तरह तबाह कर दिया है और 100 से अधिक आतंकियों को जहन्नुम में,132 फीट की 72 हूरों के पास भेज दिया है। भारत के ब्रम्होस मिसाइल ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया है। इतना हीं नहीं जब देखो तब पाकिस्तान परमाणु बम की धमकी देता था। उसके इस अहंकार को भी हमारी सेना ने धूल में मिला दिया। जबकि सिंधु नदी जल समझौता को इतिहास में फेंक दिया। यहां तक कि पाकिस्तान को सीजफायर की रहम मांगनी पड़ी। भारत ने स्पष्ट कर दिया कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।--डा.पिंटू भी रंग में लगे।

ए भाई, इ सीजफायर के बाद कांग्रेसिया सब "आयर लेडी" कही के इंदिरा गांधी के तुलना करत रहले हा स।--मुखियाजी सोफे पर पहलु बदलते हुए।

हां मुखियाजी,चूकी 1971 के भारत और पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को बुरी तरह पराजित किया था और बंगलादेश के रूप में पाकिस्तान का विभाजन करवाया था। हां ये वही आयरन लेडी थी जो हजारों भारतीय सैनिकों की कुर्बानी से प्राप्त विजय को थाली में सजाकर जीती जमीन और 93000 हजार पाकिस्तानी सैनिक युद्धबंदियों को सम्मान के साथ वापस पाकिस्तान को सौंप दी थी लेकिन अपने 58 पायलट सहित लगभग 4000 हजार सैनिक युद्धबंदियों को पाकिस्तान के जेलों में यातना सहकर मरने को छोड़ दिया था। हां मुखियाजी, ये वही आयरन लेडी थी जिसने 1971 के युद्ध का हिरो रहे जनरल मानेकशॉ का पेंशन और भत्ते को रोक दिया था क्योंकि मानेकशॉ ने इंदिरा गांधी के आदेश पर तुरंत हमला न करके,सैनिक कार्यवाही के अनुकूल समय देखकर हमला करना उचित समझा था और जीता भी। ये वही आयरन लेडी थीं जिन्होंने इमरजेंसी का जख्म भारत और भारतियों को दिया था और जबरन लाखों हिंदुओं को नसबंदी की थी ताकि भारत में हिंदुओं की संख्या घटे। छोड़िये, मूर्ख और लालची हिंदुओं के आगे आयर लेडी की क्या पर्दाफाश करुं! बस इतना हीं कहुंगा कि "मोदी" की तुलना इंदिरा से करना, हिंदुओं का मज़ाक़ उड़ाना है।--डा.पिंटू क्षुब्ध लगे।

मोदी सरकार और उसके पहले की कांग्रेस सरकार में अंतर,देश के रक्षा बजट की तुलना से हीं स्पष्ट हो जायेगा। कांग्रेस सरकार का बर्ष 2013-2014 में रक्षा बजट था--2.03 लाख करोड़, रक्षा निर्यात था--686 करोड़। तत्कालीन कांग्रेसी रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा था कि सैन्य हथियार खरीदने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं। जबकि मोदी सरकार का बर्ष 2025-26 का रक्षा बजट है--6.81 लाख करोड़ और रक्षा निर्यात है--23622 करोड़। केवल 5 बर्षों में भारत ने 2 लाख करोड़ के सैन्य हथियार खरीदे। अभी कल मोदी सरकार ने सेना को आवश्यकतानुसार गोला बारूद खरीदने के लिए 40 हजार करोड़ का गिफ्ट दे दिया है।--कुंवरजी अखबार रखते हुए।

जो भी हो, इतना तो सभी मानेंगे कि मोदी शासन के पहले फौज के हाथ बंधे होते थे जबकि आज फौज एक्शन लेने के लिए स्वतंत्र है। तेजस्वी वैज्ञानिकों की अज्ञात कारणों से मौत हो जाया करती थी और वैज्ञानिक कहते थे कि संसाधन उपलब्ध नहीं कराया जाता लेकिन आज हम चांद पर हैं। हमारे वैज्ञानिक देश को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। आज आतंकियों को मोदीजी कहते हैं कि घर में घुसकर मारेंगे जबकि आज आतंकियों से पुछिये तो कहेंगे कि कांग्रेस बहुत अच्छी थी,कांग्रेस ने हमें कभी नहीं रोका।  आज हम विश्व की तेरहवीं से चौथी अर्थव्यवस्था बन चूकें हैं।--उमाकाका हाथ चमकाये।

काकाजी, मोदी सरकार का कमाल है कि आज पुरा विश्व भारत की ओर कान और आंख केंद्रीत किये है। खैर आज इतना हीं फिर कल।--कहकर मैं उठ गया  और इसके साथ हीं बैठकी भी.....!!!!

आलेख - लेखक


प्रोफेसर राजेंद्र पाठक (समाजशास्त्री)

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
Read More
1 2 3 4 5 6 7 8 9 Next