सावन के अंतिम सोमवारी पर योगेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड

ऐतिहासिक और मनोरम योगेश्वर नाथ धाम में शाम ढलने के बाद यात्रियों की सुरक्षा की समस्या

Manish Kumar Singh
Manish Kumar Singh
August 04, 2025

जहानाबाद : जिले के अति प्राचीन और ऐतिहासिक शिवालयों में से एक हुलासगंज प्रखंड के जारु - बनवरिया गांव के पास 400 मीटर ऊंचे पहाड़ पर अवस्थित योगेश्वरनाथ धाम मंदिर के रास्ते में बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बावजूद दूर-दूर से कावड़ यात्री और श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करने आ रहे हैं।प्राकृतिक सौंदर्य से आच्छादित ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से सुविख्यात इस मंदिर के विकास और पुनरुद्धार का कार्य स्थानीय लोग और योगेश्वर नाथ धाम ट्रस्ट की ओर से तो किया गया लेकिन बुनियादी सुविधा जिसमें आवागमन के रास्ते ,बिजली, शौचालय और यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशाला आदि की व्यवस्था जिला प्रशासन और सरकार के स्तर से आज तक नहीं की गई। 

हालाकि इसके बावजूद दूर-दूर से श्रद्धालु यहां सावन महीने में जलाभिषेक करने आ रहे हैं। सावन के अंतिम सोमवारी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा योगेश्वरनाथ को जलाभिषेक किया। पटना जिले के फतुहा से कावड़ में जल भरकर श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करने आते हैं ।सोमवार को यहां पर श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ उमड़ी । बाबा योगेश्वर नाथ धाम ट्रस्ट के प्रबंधक रविंद्र कुमार, सचिव शैलेंद्र कुमार के साथ- साथ सलेमपुर गांव के सेवानिवृत्त सेना के जवान रजनीश कुमार उर्फ मुन्ना के सहयोग से प्रत्येक सोमवार को सभी शिव भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया। अंतिम सोमवारी पर बड़ी संख्या में महिलाएं ढोल- झाल के साथ भोलेनाथ का भजन और गीत प्रस्तुत करते नजर आए। इस दौरान एलओसी सेना भर्ती ट्रेनिंग सेंटर मखदुमपुर में होमगार्ड के लिए चयनित सफल युवाओं अभिषेक कुमार, लाल बाबू , सौरभ कुमार, आदि को सम्मानित किया गया।


हालांकि देखा जाए तो ऐतिहासिक और मनोरम योगेश्वर नाथ धाम में शाम ढलने के बाद यात्रियों की सुरक्षा की समस्या और आवागमन के कच्चे रास्ते के कारण लोग शाम ढलने से पहले ही अपने अपने गंतव्य की ओर रवाना होने लगे। क्योंकि वीरान इस स्थल पर श्रद्धालुओं को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने इसके लिए जिला प्रशासन से लेकर सरकार के स्तर पर कई बार गुहार लगाया लेकिन इसके बावजूद इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई ठोस योजना अब तक नहीं बनाई जा सकी है।
 

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