होमियोपैथिक दवाइयां डेंगू को फैलने से रोकती है साथ ही हमें सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती है : डॉ० रौशन पाण्डेय

डेंगू बुख़ार को "हड्डीतोड़ बुख़ार" के नाम से भी जाना जाता है

Manish Kumar Singh
Manish Kumar Singh
August 12, 2025

आज कल बरसात के मौसम में कई बड़े शहरों एवं गांव में बरसात के पानी जमा होने से हमारे आसपास मच्छरों का उत्पादन ज्यादा होने लगता है।।इन मच्छरों के द्वारा कई संक्रमित बीमारियां हमारे स्वास्थ को प्रभावित करती है।।जिसमें मुख्य रूप से डेंगू का प्रकोप अत्यधिक देखने को मिलता है।।आइए जानते है डेंगू क्या है और इसके कारण और लक्षण क्या है :-

डेंगू बुख़ार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। डेंगू का इलाज समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं। मच्छर डेंगू वायरस को फैलाते हैं। डेंगू बुख़ार को "हड्डीतोड़ बुख़ार" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गयी हों।

डेंगू आमतौर पर मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। ये खास तरह के मच्छर होते हैं, जिनके शरीर पर चीते जैसी धारियां पाई जाती हैं। ये मच्छर खासतौर पर सुबह के समय काटते हैं।

जो आदमी डेंगू से पीड़ित होता है, उसके शरीर में काफी मात्रा में डेंगू वायरस पाया जाता है। इसके अलावा जब कोई एडीज़ मच्छर किसी डेंगू के मरीज़ को काटता है तो उसका खून भी चूसता है। इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ शख्स को काटता है, तो उसे भी डेंगू हो जाता है। क्योंकि मच्छर के काटने से उसके शरीर में भी वायरस पहुंच जाता है। जिससे वह आदमी भी डेंगू से संक्रमित हो जाता है।

#डेंगू के लक्षण:-


डेंगू के पहले कुछ लक्षण केवल फ्लू की तरह होते हैं और मच्छर के काटने के चार से दस दिनों के बाद दिखाई देने लगते हैं। डेंगू बुखार को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है: क्लासिक डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम। जिसमें से डेंगू रक्तस्रावी बुखार सबसे घातक और जानलेवा माना जाता है।

डेंगू के शुरुआती लक्षणों में 104 डिग्री तक तेज बुखार, ठंड लगना, शरीर में तेज दर्द और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे केंद्रित दर्द, थकान, मतली, चकत्ते और उल्टी शामिल हो सकते हैं। डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी आमतौर पर पांच दिनों के भीतर ठीक हो जाता है लेकिन सही इलाज न मिलने पर स्थिति और खराब हो सकती है।

डेंगू रक्तस्रावी बुखार के लक्षणों में अत्यधिक बेचैनी, उल्टी की संख्या में वृद्धि, पेट में तेज दर्द और मल या उल्टी में रक्त शामिल हैं। ये लक्षण आमतौर पर बुखार दूर होने के एक से दो दिन बाद दिखाई देते हैं। ऐसी परिस्थितियों में स्वास्थ्य कर्मियों से परामर्श करना चाहिए क्योंकि इस प्रकार का डेंगू जानलेवा हो सकता है।
#डेंगू_से_बचाव:-


डेंगू से बचाव के कुछ आसान उपाय जिससे आप खुद को और अपने परिवार के सदस्यों को डेंगू होने से बचा सकते है।

- डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है इसलिए दिन में मच्छर के काटने से बचे
- बारिश के दिनो में पुरे कपड़े पहने और शरीर को ढक कर रखे 
- घर के आस पास पानी ना जमा होने दे 
- जमा हुए पानी में मिट्टी का तेल डाले
- मच्छरदानी का उपयोग करे
- पीने के पानी को साफ़ रखे 
- डेंगू होने पर डॉक्टर के पास जाये और खून की जांच कराये 
- नियमित दवा लेते रहे

यदि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को डेंगू के लक्षण दिखाई दे रहें हो तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराये  । इसमें लापरवाही करना हानिकारक हो सकता है।

#इलाज:-

#होमियोपैथिक  सिस्टम में ऐसे कई सारी दवाइयां है जिनके  माध्यम से हम डेंगू का इलाज करते है।।साथ ही होमियोपैथी  दवाइयों के माध्यम से हम डेंगू को फैलने से रोक सकते है जिस किसी भी एरिया में  पानी का जमाव ज्यादा हो या डेंगू ज्यादा फैल रहा हो या किसी परिवार का अन्य कोई भी सदस्य इस गंभीर बीमारी से ग्रस्त है तो इस व्यक्ति के साथ साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी होमियोपैथिक दवा के माध्यम से बचाया जा सकता है।होमियोपैथिक में इस बीमारी से बचाव के साथ साथ इसके संपूर्ण इलाज के लिए दवाइयां मौजूद है,जो की व्यक्ति के लक्षण के आधार पे दिया जाता है।होमियोपैथिक दवाइयां डेंगू के जीवाणु को हमारे शरीर में फैलने से रोकती है ।साथ ही हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाकर इन बीमारियों से बचाव करती है।

..अगर आपके एरिया में डेंगू का फैलाव हो रहा है या आपके आसपास लोग डेंगू से परेशान है तो इसके बचाव के लिए आप संपर्क करे या चिकित्सा कैंप के माध्यम से हम उनलोगो को बचा सकते है।

डॉ० रौशन पाण्डेय
पूर्व चिकित्सा पदाधिकारी,मध्यप्रदेश।।
 

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