
वैशाली : मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना अंतर्गत दिल के छेद वाले चिन्हित 16 बच्चों को जांच के लिए मंगलवार को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना भेजा गया है। यहां पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा स्क्रीनिंग की जाएगी, उसके उपरांत जिन बच्चों को ऑपरेशन की आवश्यकता होगी उन सभी का निशुल्क इलाज व ऑपरेशन कराया जाएगा। सिविल सर्जन डॉक्टर श्याम नंदन प्रसाद ने बताया के विभिन्न स्वास्थ्य प्रखंडों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत डॉक्टर, फार्मासिस्ट और एएनएम द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस को जिले के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर 0- 18 वर्ष के जन्मजात रोगों से ग्रसित बच्चों की निशुल्क जांच कर चिन्हित किया जाता है। हृदय रोगियों के लिए मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना का लाभ दिल के छेद वाले बच्चों को मिल रहा है। जिले में एक अप्रैल 2021 से लेकर जुलाई 2025 तक अब तक 138 से अधिक दिल के छेद रोग से ग्रसित बाल हृदय रोगियों को चिन्हित कर ऑपरेशन कराया गया है।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉक्टर कुमार मनोज ने बताया के वैशाली राज्य में सबसे अधिक ऑपरेशन करने वाले जिले में तीसरे स्थान पर है। आईजीआईएमएस पटना में अभी तक 20 बच्चों का स्क्रीनिंग किया गया था जिसमें से 8 बच्चों का सफलतापूर्वक ऑपरेशन कराया गया है। डीसी आरबीएसके डॉ शाइस्ता ने बताया कि आईजीआईएमएस पटना के आरबीएसके नोडल डॉ प्रियंकर सिंह, अस्पताल समन्वयक डॉ विवेकानंद और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा बच्चों का सफल ऑपरेशन में प्रमुख योगदान दिया गया है। इसी क्रम में वैशाली से फिर 16 बच्चों को निशुल्क जांच के लिए आज आईजीआईएमएस पटना भेजा जा रहा है। बीमारी की पुष्टि होने के उपरांत बच्चों को डिवाइस क्लोजर एवं सर्जरी हेतु भेजा जाएगा। मौके पर डीईआईसी प्रबंधक सह समन्वयक आरबीएसके डॉ शाइस्ता, फार्मासिस्ट अभिषेक कुमार और नवीन कुमार उपस्थित थे, जबकी आईजीआईएमएस पटना में फार्मासिस्ट राजीव कुमार और शशिकांत कुमार उपस्थित होकर बच्चों और अस्पताल संस्थान के साथ समन्वय स्थापित करते हुए बच्चों का आगमन, ससमय इको, जांच और एंबुलेंस के द्वारा प्रस्थान सुनिश्चित करेंगे।