
हां जी हां, देश का दूसरा नागरिक गायब हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था वाला भारत और भारत में पहली बार हुआ है जब देश का दूसरा नागरिक अपने पद (उपराष्ट्रपति) से इस्तीफा दिया हो और इस्तीफा के बाद महीनों से गायब हो चुका हैं। वहीं इस्तीफा देकर गायब देश के दुसरे नागरिक के गायब होने के बाद भी भारत के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के चेहरे पर चिंता नहीं दिखाई दे रहा है तो वहीं यह बताने की जरूरत भी नहीं समझ रहे हैं कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जिंदा हैं और सुरक्षित है। वहीं जगदीप धनखड़ को एक सम्मान जनक विदाई भी नहीं दी गई और अब नये उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा राजनीतिक पार्टी आधारित कर दी गई है।
भाजपा और गठबंधन की ओर से वर्तमान राज्यपाल, महाराष्ट्र को भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चयनित किया है। जिसके संबंध में दो प्रमुख नेताओं के वक्तव्य महत्वपूर्ण है। जिसमें सबसे पहला सोशल मीडिया पर दिया गया या कहें लिखा हुआ लेख हैं केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान का। अपने सोशल मीडिया पर चिराग पासवान लिखते हैं उसे पढ़िए और उस पोस्ट का स्क्रीनशॉट यहां लगाया गया है ताकि कल चिराग पासवान पलटी मारे या पोस्ट मिटावें तो प्रमाण यह सकें। चिराग कहते हैं कि -

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) देश के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार आदरणीय श्री सीपी राधाकृष्णन जी को पूर्ण समर्थन देती है।
तमिलनाडु से आने वाले और OBC समाज के सशक्त प्रतिनिधि के रूप में उनका चयन, प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सामाजिक न्याय एवं समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता का ऐतिहासिक उदाहरण है।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने हमेशा “सामाजिक न्याय, समावेश और सबका साथ-सबका विकास” की नीति को प्राथमिकता दी है। राधाकृष्णन जी का उम्मीदवार बनना इसी संकल्प का जीवंत उदाहरण है, जो यह संदेश देता है कि देश के हर वर्ग और हर क्षेत्र की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान और प्रतिनिधित्व मिलेगा।
भारत सरकार की जगह मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री चिराग पासवान तीसरी बार सांसद बने और अपने पिता रामविलास पासवान के मृत्यु के बाद केन्द्रीय मंत्री बने हैं। अपने पिता रामविलास पासवान के द्वारा बनाई पार्टी के चुनाव चिह्न झोपड़ी में पहले चिराग लगाकर जला दिया और बाद में चाचा और भाईयों से रिश्ते तोड़ लिए। खैर यह चिराग पासवान का व्यक्तित्व और व्यक्तिगत प्रोफाइल हैं। लेकिन अपने पिता से जातिवादी व्यवस्थाओं में 2-4 क़दम और बढ़ कर बात रखते हैं।
चिराग पासवान वर्तमान में मोदी सरकार में 9 जून 2024 से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय संभाल रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन जी को उपराष्ट्रपति पद हेतु NDA का उम्मीदवार बनाए जाने पर चिराग पासवान ने मोदी और शाह की जोड़ी पर तंज कसा ताकि यह बता सकें कि आपका OBC खेल अब भी जारी है। चिराग पासवान ने अपने और सभी राजनीतिक दलों या राजनीतिक व्यक्ति में पहले चिराग हैं जिन्होंने उपराष्ट्रपति की जाति से ही अपना पोस्ट शुरू किया।
वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विपक्ष से अपील की है कि वे NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन का समर्थन करें, ताकि नए राज्यसभा अध्यक्ष का चुनाव सामान्य समिति के माध्यम से संपन्न हो सके। मोदी ने NDA की संसदीय बैठक में कहा कि सी.पी. राधाकृष्णन एक बेहतरीन विकल्प हैं, उनका जीवन विवादमुक्त रहा है और वे बहुत ही विनम्र व्यक्तित्व के धनी हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि राजनाथ सिंह सभी दलों के नेताओं के साथ इस मामले में बातचीत कर रहे हैं और लगातार चर्चा में हैं। इससे पहले सोमवार को पीएम मोदी ने दिल्ली में सी.पी. राधाकृष्णन से मुलाकात की और उन्हें NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने की बधाई दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि राधाकृष्णन जी का लंबे समय तक सार्वजनिक सेवा में अनुभव हमारे देश के लिए मूल्यवान होगा।
सी.पी. राधाकृष्णन का जीवन परिचय और राजनीतिक जीवन परिचय
सी.पी. राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन हैं और उनका जन्म - 4 मई 1957 को हुआ। सी.पी. राधाकृष्णन भारतीय राजनेता हैं, जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से भारत के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार है।, 2024 से महाराष्ट्र के 24वें और वर्तमान राज्यपाल हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे और कोयंबतूर से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए थे।1998 के कोयंबतूर बम धमाकों के बाद 1998 और 1999 के आम चुनावों में उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। राधाकृष्णन 1998 में 150,000 से अधिक मतों के अंतर से और 1999 के चुनावों में 55,000 के अंतर से जीते। वहीं 1999 में, उन्होंने कहा कि कोयंबतूर के मतदाताओं को भाजपा को वोट देने के लिए मनाने की जरूरत नहीं है। वह तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी थे। झारखंड के राज्यपाल बनने से पहले वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य थे और उन्हें पार्टी के आलाकमान द्वारा केरल भाजपा प्रभारी नियुक्त किया गया था। वह 2016 से 2019 तक अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष थे, जो लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम मंत्रालय (एमएसएमई) के अधीन है।
2004 में, उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसी भी पार्टी की पीठ में छुरा नहीं घोंपा है या अन्य दलों के साथ संबंधों में दरार पैदा नहीं की है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ अपने संबंधों को समाप्त करने के बाद 2004 में गठबंधन बनाने पर काम करने वाले राज्य के नेताओं में से एक थे। राधाकृष्णन ने बाद में 2004 के चुनावों के लिए अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के साथ संबंध बनाने के लिए राज्य इकाई के साथ काम किया। 2012 में, राधाकृष्णन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता पर हमला करने वाले दोषियों के खिलाफ निष्क्रियता का विरोध करने के लिए मेट्टुपालयम में गिरफ्तारी दी।
वह दक्षिण और तमिलनाडु से भाजपा के सबसे वरिष्ठ और सम्मानित नेताओं में से हैं और 16 साल की उम्र से 1973 से 48 साल तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ से सीधे संगठन से जुड़े रहे हैं। 2014 में, उन्हें कोयंबतूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए भाजपा का उम्मीदवार नामित किया गया था और तमिलनाडु की दो बड़ी पार्टियों, डीएमके और एआईएडीएमके के गठबंधन के बिना, उन्होंने 3,89,000 से अधिक मतों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, जो तमिलों में सबसे अधिक था। तमिलनाडु में सभी उम्मीदवारों के बीच सबसे कम अंतर से हारने वाले बीजेपी उम्मीदवार। उन्हें कोयंबतूर से 2019 के चुनाव के लिए एक बार फिर पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।
वहीं सी.पी. राधाकृष्णन को झारखंड का 10वां राज्यपाल 18 फरवरी 2023 को बनाया गया था और 30 जुलाई 2024 तक यानी 1 साल 163 दिन अपने पद पर बने रहें और बाद में महाराष्ट्र के राज्यपाल 31 जुलाई 2024 से अब तक बने हुए हैं। झारखंड के राज्यपाल बने और राजनीतिक परिदृश्य में बड़े-बड़े बदलाव किए और वहीं महाराष्ट्र में सरकार बनाने में भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जो एक राज्यपाल के क्षेत्र में नहीं था। और शायद इसी लिए जगदीप धनखड़ की तरह सी.पी. राधाकृष्णन का चयन राजनीतिक वफादारी के लिए उपराष्ट्रपति पद से नवाजा जा रहा है।

देश की राजनीति में अब और नया अध्याय लिखने का समय आ गया है। सी. पी. राधाकृष्ण को उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी मिलना जातिवादी व्यवस्थाओं को मजबूती प्रदान करने वाला है और मोदी -शाह को इस पर गर्व है। चिराग पासवान से यह नहीं पुछा जाएगा कि हिन्दुत्व की पार्टी के साथ गठबंधन में आप जातिवादी व्यवस्थाओं पर जोर देकर समाज में व्याप्त कुव्यवस्था को राजनीतिक दलों का गठजोड़ खुलकर क्यों बता रहे हैं। खैर विभिन्न माध्यमों से यह पता चला कि उपराष्ट्रपति उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से 2-4 कदम और आगे हैं। मोदी -शाह के लिए उनकी ईमानदार छवि, समर्पण और राष्ट्रहित की जगह मोदी - शाह के सोच से भारत को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में सहयोगी बनेंगे। हम सबको मिलकर उनके साथ खड़ा होना है, जैसे जगदीप धनखड़ के साथ आज लोग खड़े दिखाई दे रहे हैं।