
आप अक्सर यह सुनते हैं कि डबल इंजन की सरकार होगी तो विकास राज्यों में डबल हो जाएगा। वहीं जब आप जानेंगे कि जब देश में कांग्रेस गठबंधन की सरकार थी और बिहार में आज की गठजोड़ वाली राजनीति दल की सरकार रही तब बिहार सरकार ने मजबूत और दृढ़ संकल्प के साथ काम किया।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2005 से NDA सरकार लगातार 21वें साल में हैं जिसमें से दो टुकड़ों में 3 साल हटा दें तो आज की सत्ताधारी गठजोड़ में रही है। बिहार के लोगों से अगर बात होती है तो नीतीश कुमार का प्रथम चरण यानी 2005-2010 ही काम युक्त रहा है।

भारतीय जनता पार्टी के सफ़र में जबर्दस्त उछाल देखा गया और पिछले 11 वर्षों से बिहार में भी सत्ता का हिस्सा बनी हुई है लेकिन नरेंद्र दामोदर दास मोदी के साथ पुरा बिहार खड़ा रहा और तीनों लोकसभा चुनाव में लगभग 100% लोकसभा सीट दिया। वहीं बिहार का विकास इसी काल खंड में शुन्य और नौकरशाही के साथ साथ दलाली परम्परा मजबूत हुई है।

हां हम आप का जो शीर्षक दिए हैं अब उसपर आते हुए कहना है कि हाजीपुर में एक नगर परिषद क्षेत्र हैं और पिछले 11 वर्षों में यहां की भी सत्ता भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ या कहें उन्हीं की रही है जिसमें मात्र दो साल से भी कम बिना राजनीतिक संरक्षण के रही उसमें शहर की व्यवस्था में बड़े बदलाव हुए मगर विकास की गाड़ी कभी पटरी पर नहीं लाई गई।
नगर परिषद हाजीपुर के पूर्व कार्यपालक अधिकारी पंकज कुमार ने एक बार बताया था कि पिछले 12 वर्षों से सड़क के मामले में एक भी काम नहीं हुआ। सड़क निर्माण में पिछले 12 वर्षों में एक भी सड़क निर्माण नहीं हुआ है वहीं यह बात पंकज कुमार द्वारा कहे हुए भी लगभग अब दो साल हो चुके हैं।

आज वर्तमान परिस्थितियों में हम देखें तो हाजीपुर शहर यानी नगर परिषद हाजीपुर में एक भी सड़क मौजूद नहीं है। वहीं जिसे सरकारों ने सड़क के नाम पर जमीन कब्जा कर रखी है उसमें हर एक हाथ पर 10-20 गड्ढें बना दिए गए हैं। इसलिए यह कहना ज्यादा सही है कि नगर परिषद हाजीपुर में आज गड्ढों में ही सड़क की खोज की जा रही हैं।
नगर परिषद हाजीपुर में वर्तमान सभापति भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा पोषित हैं और हर रोज सभापति को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का झंडा बुलंद करते हुए देखा जाता हैं। इसमें सही भी है क्योंकि समर्थन प्राप्त तो भाजपा से ही मिला था।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) का एक ऐसा इतिहास हैं हाजीपुर में कि सन् 2000 से आज 2025 तक यानि 26वें साल में भी अकेला उन्हीं का विधायक हैं। सन् 2000 से 2014 तक जो विधायक रहे उनका व्यक्तित्व इतना बड़ा हैं कि उनके बारे में कोई बात कर सकता है तो सिर्फ गुलामी जैसी लगनी चाहिए नहीं तो जीवन के लिए संकट हो जाता हैं। वहीं 2014 में जब वो उजियारपुर लोकसभा से सांसद चुने गए तो उन्होंने अच्छे भाजपा नेताओं को जगह नहीं लेने दिया और अपने मुंशी व संबंध के साले को हाजीपुर से टिकट दिया और भाजपा के नाम पर और पूर्व विधायक के डर से भाजपा उम्मीदवार की जीत लगातार आज तक हो रही है।
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि 26वें साल में पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि पूर्व विधायक व सांसद उजियारपुर व केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री को हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र अपने हाथ से जाते दिख रहा है। पिछली बार भी महज़ 2000 वोट के आस पास से ही जीत मिली थी। इसलिए अब जब बिहार में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद और नगर परिषद सभापति भी सत्ताधारी के होने के बावजूद यानि ट्रिपल इंजन की सरकार होने के बाद भी सत्ता जाती दिख रही है तब कुछ होने की उम्मीद जगी हैं।
आज हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र में 4 साल 6 महीने बाद सड़क बनाने का आश्वासन विधायक और सभापति के द्वारा दिलाया जा रहा है। आजकल हाजीपुर से विधायक बिहार के पथ निर्माण मंत्री के यहां फेसबुक पर दौड़ा करते दिखाई रहे हैं। जबकि यह दौड़ा और सड़कों का निर्माण 3 साल पहले ही पर निर्माण मंत्री के साथ मिलकर हाजीपुर विधायक ने कहा था। उस समय भी खुब अखबारों में सड़क निर्माण पर चर्चा थी।
पुनः चुनाव आने के समय सड़क निर्माण पर फोटो सूट किया जा रहा है। आज हाजीपुर शहर में कोई ऐसा सड़क नहीं है जो टूटा फूटा जर्जर स्थिति में ना हो। भारतीय जनता पार्टी (BJP) का इतिहास अब बहुत शानदार हो गया हैं जब सत्ता में नहीं रहती है तब बड़े वादे करती है और जब उसको विभाग मिलता है काम करने के लिए तब उसका सुस्त चाल देख लीजिए कि अपने ही विधायकों के विधानसभा क्षेत्र में काम नहीं करवा पा रही।

अब बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है और 2 महीने बाद आचार संहिता लगनी है। विधायक परेशान जरूर दिख रहे हैं लेकिन उनके हाथ में विधायक की ताकत नहीं है। वर्तमान विधायक पूर्व विधायक के अनुकंपा पर विधायक हैं जो सर्वविदित है और किसी भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकताओं में इतनी क्षमता नहीं है कि वह वर्तमान विधायक से एक रूपए का भी काम करा सकें। वहीं केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री को पता यह हैं कि लालू प्रसाद यादव के नाम पर हाजीपुर की जनता को पुनः डरा कर भाजपा के गुलाम वोटरों को लुभाने में हम सफल ही रहेंगे। इसलिए सड़कों पर लोगों को होने वाली परेशानियों को लेकर गंभीरता नहीं है।
हाजीपुर नगर परिषद और विधानसभा की जनता को खुद सोचना होगा कि 26 सालों से जिन्हें जिम्मेवारी सौंपी वह बिल्कुल नाकारा साबित हुआ। वहीं जनता की बात सुनने का जिस विधायक और सभापति में समय नहीं हो वैसे को पुनः चुनना कितना सही होगा यह जनता विचार कर रही है। इस बार का हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र दिल्ली को बड़ा संदेश देने को भीतर ही भीतर तैयारी कर रही है।