बैठकी ~~~~~ विगत 11 बर्षों में भारत बदल चूका है

इसबीच बेटी चाय का ट्रे रख गई और हमसभी एक एक कप उठाकर पुनः वार्ता में......

Manish Kumar Singh
Manish Kumar Singh
May 19, 2025


बैठकी जमते हीं मास्टर साहब बोल पड़े--"सरजी, पाकिस्तान के साथ हुए तीन दिनों के युद्ध ने हम भारतियों को सोचने पर बाध्य कर दिया है कि अगर 16 मई 2014 को हमारे देश की जनता ने आदरणीय मोदीजी को देश का प्रधानमंत्री नहीं बनाया होता तो आज हमारी कितनी दुर्गत की स्थिति रहती!! जनता ने मोदीजी के कंधे पर देश चलाने की जिम्मेवारी सौंप दी। उसके बाद से हीं भारत हर क्षेत्र में सशक्त होता चला गया। चाहे वो अर्थव्यवस्था हो या राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था, गरीबी उन्मूलन हो या स्वास्थ्य सुविधा, यातायात व्यवस्था हो यां वैज्ञानिक अनुसंधान उपलब्धियां, कृषि उत्पादन हो या शिक्षा व्यवस्था, स्वदेशी उत्पादन हो या वैश्विक प्रस्थिति आदि आदि।
आज जिसको जो भाषा समझ में आती है हम उसको,उसकी भाषा में हीं समझाने में सक्षम हैं। 11 बर्षों में हमारा भारत कितना बदल गया है!!"

मास्टर साहब, हमें आज से 12-13 साल पहले का, कांग्रेस के शासनकाल में हमारे सेना की कितनी दयनीय स्थिति थी वो याद है। भारतीय सेना के पास न हथियार थे और न गोला बारूद। पाकिस्तानी आंतकी हमारे सैनिकों के सिर काट कर उससे फुटबॉल खेलते थे लेकिन मनमोहन सिंह, लालू और मुलायम की सरकार खामोश रहती थी।--उमाकाका दुखी लगे।

काकाजी, मुझे भी याद है जब तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह,को चिट्ठी लिखी थी कि हमारी सेना के पास गोला बारूद की कमी है,हमारा एयर डिफेंस सिरस्टम कमजोर है, हमारे सैनिकों के लिए न प्रयाप्त बुलेट प्रूफ हैं और न गाड़ियां,हालत चिंताजनक है। लेकिन सरकार ने ध्यान हीं नहीं दिया।कांग्रेस सरकार को देश की सुरक्षा की  चिंता हीं नहीं थी।--कुंवरजी अखबार पलटते हुए।

अजी कांग्रेस सरकार में कोई भी रक्षा सौदा बगैर दलाली और कमिशनखोरी के होता हीं नहीं था। राफेल जैसे सौदे, कमिशन तय नहीं होने के चलते अटके रहे। बोफोर्स तोप घोटाला तो याद हीं होगा!!कांग्रेस सरकार में रक्षा सौदे बर्षों लटके रहते थे, स्वदेशी निर्माण के प्रति सरकार की रुचि हीं नहीं दिखी। देश की सुरक्षा से समझौता कर लिया जाता था लेकिन जेब भरने का लालच नहीं छोड़ा जाता था।--सुरेंद्र भाई मुंह बनाये।

अजी, कांग्रेस राज में लूट के प्रमाण समझने के संदर्भ में,सेना के लिए सिर्फ जुते खरीद की असलियत समझियेगा तो आप दंग रह जाएंगे!!जयपुर की कंपनी सेना के लिए जुते बनाती थी जो इजरायल खरीद लेता था फिर वही जुते भारत सरकार,सैनिकों के लिए खरीदती थी। इजरायल से भारत 25000 रुपये प्रति जोड़ी की दर से खरीदता था। मोदी सरकार में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर वहीं जुते जयपुर की कंपनी से डायरेक्ट मात्र 2200 रुपये में सेना को उपलब्ध कराने लगे। अब आप सोचिये!! बर्षों तक कांग्रेस ने कैसी लूट मचा रखी थी।--मास्टर साहब बुरा सा मुंह बनाये।

ठीक बोले मास्टर साहब,2014 के बाद जब मोदी सरकार आयी तब जाकर, सेना की हालात में तेजी से सुधार होना शुरू हुआ। प्रधानमंत्री ने देश की सुरक्षा को गंभीरता से लिया और सेना को वो सारे साजो सामान उपलब्ध करायें जो उनकी जरूरत थी। मेक इंडिया के तहत भारत स्वदेशी हथियार बनाने और इस क्षेत्र में विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया। नतीजतन तेजस फाइटर जेट, प्रचंड अटैक हैलिकॉप्टर, रुद्र,एचटीटी-40 ट्रेनर प्लेन, धनुष तोप, पिनाका रॉकेट सिस्टम,आकाश मिसाइल डिफेंस सिरस्टम, भारत ने खुद बनाया। रुस से मिलकर एके-203 रायफल और आज विश्व में तहलका मचाने वाला "ब्रह्मोस मिसाइल" बनाया गया। नौसेना को आइएनएस विक्रांत, वरुणास्त्र टॉरपीडो और अगली पीढ़ी के मिसाइल वेसल्स मिले जिससे हमारी समुद्री सुरक्षा ताकत बढ़ी। विदेशी सौदों में भी पार्दर्शिता रही और फ्रांस से राफेल जेट, इजरायल से एमक्यू -9 ड्रोन, अमेरिका से सी-295 ट्रांसपोर्ट विमान और रुस से एस-400 मिसाइल सिस्टम भारत आया। जिसका परिणाम हमलोगों ने हाल के पाकिस्तान के साथ हुए तीन चार दिनों के युद्ध में हीं देख लिया न!! नतीजतन भारत का लोहा विश्व मानने को मजबूर दिख रहा है।--डा. पिंटू हाथ चमकाये।
इसबीच बेटी चाय का ट्रे रख गई और हमसभी एक एक कप उठाकर पुनः वार्ता में......

जनता को याद रखना चाहिए कि यही कांग्रेस और विपक्षी हैं जो राफेल और एस-400 को भारत लाने में कितने हाय तौबा और रोड़ै अटका रहे थे। राफेल को लेकर तो रोड़े अटकाने के क्रम में सुप्रीम कोर्ट तक चले गये थे। याद है न!! राफेल डील को लेकर यही राहुल बोला था कि चौकीदार चोर है जिसके लिए उसे कोर्ट से फटकार मिली थी। कहता था --"राफेल डील घोटाला है,एस-400 से ज्यादा जरूरी तो लंच टाइम डिबेट है"। आज देश की जनता सुरक्षित है क्योंकि मोदी ने अपनी 56 इंच की छाती सच में सिद्ध किया है। अन्यथा इन इंडी गठबंधन का राज होता तो हमारी आपकी हेकड़ी मलबे में दबी मिलती।--मास्टर साहब उत्तेजित लगे।

सरजी, मोदी सरकार और हमारी सेना ने सिद्ध कर दिया कि अगर सीमा पार से गोली चलेगी तो जबाब में इधर से गोला चलेगा। अगर तुम हमारे निर्दोषों की हत्या करोगे तो हम तुम्हारे आतंकी अड्डों को नष्ट कर देंगे चाहे पाकिस्तान के किसी कोने में छुपे हो। दुनिया ने देखा और अब तो खुद पाकिस्तानियों ने भी स्वीकार कर लिया है कि भारत ने उसके 9 आतंकी ठिकानों को पुरी तरह तबाह कर दिया है और 100 से अधिक आतंकियों को जहन्नुम में,132 फीट की 72 हूरों के पास भेज दिया है। भारत के ब्रम्होस मिसाइल ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया है। इतना हीं नहीं जब देखो तब पाकिस्तान परमाणु बम की धमकी देता था। उसके इस अहंकार को भी हमारी सेना ने धूल में मिला दिया। जबकि सिंधु नदी जल समझौता को इतिहास में फेंक दिया। यहां तक कि पाकिस्तान को सीजफायर की रहम मांगनी पड़ी। भारत ने स्पष्ट कर दिया कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।--डा.पिंटू भी रंग में लगे।

ए भाई, इ सीजफायर के बाद कांग्रेसिया सब "आयर लेडी" कही के इंदिरा गांधी के तुलना करत रहले हा स।--मुखियाजी सोफे पर पहलु बदलते हुए।

हां मुखियाजी,चूकी 1971 के भारत और पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को बुरी तरह पराजित किया था और बंगलादेश के रूप में पाकिस्तान का विभाजन करवाया था। हां ये वही आयरन लेडी थी जो हजारों भारतीय सैनिकों की कुर्बानी से प्राप्त विजय को थाली में सजाकर जीती जमीन और 93000 हजार पाकिस्तानी सैनिक युद्धबंदियों को सम्मान के साथ वापस पाकिस्तान को सौंप दी थी लेकिन अपने 58 पायलट सहित लगभग 4000 हजार सैनिक युद्धबंदियों को पाकिस्तान के जेलों में यातना सहकर मरने को छोड़ दिया था। हां मुखियाजी, ये वही आयरन लेडी थी जिसने 1971 के युद्ध का हिरो रहे जनरल मानेकशॉ का पेंशन और भत्ते को रोक दिया था क्योंकि मानेकशॉ ने इंदिरा गांधी के आदेश पर तुरंत हमला न करके,सैनिक कार्यवाही के अनुकूल समय देखकर हमला करना उचित समझा था और जीता भी। ये वही आयरन लेडी थीं जिन्होंने इमरजेंसी का जख्म भारत और भारतियों को दिया था और जबरन लाखों हिंदुओं को नसबंदी की थी ताकि भारत में हिंदुओं की संख्या घटे। छोड़िये, मूर्ख और लालची हिंदुओं के आगे आयर लेडी की क्या पर्दाफाश करुं! बस इतना हीं कहुंगा कि "मोदी" की तुलना इंदिरा से करना, हिंदुओं का मज़ाक़ उड़ाना है।--डा.पिंटू क्षुब्ध लगे।

मोदी सरकार और उसके पहले की कांग्रेस सरकार में अंतर,देश के रक्षा बजट की तुलना से हीं स्पष्ट हो जायेगा। कांग्रेस सरकार का बर्ष 2013-2014 में रक्षा बजट था--2.03 लाख करोड़, रक्षा निर्यात था--686 करोड़। तत्कालीन कांग्रेसी रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा था कि सैन्य हथियार खरीदने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं। जबकि मोदी सरकार का बर्ष 2025-26 का रक्षा बजट है--6.81 लाख करोड़ और रक्षा निर्यात है--23622 करोड़। केवल 5 बर्षों में भारत ने 2 लाख करोड़ के सैन्य हथियार खरीदे। अभी कल मोदी सरकार ने सेना को आवश्यकतानुसार गोला बारूद खरीदने के लिए 40 हजार करोड़ का गिफ्ट दे दिया है।--कुंवरजी अखबार रखते हुए।

जो भी हो, इतना तो सभी मानेंगे कि मोदी शासन के पहले फौज के हाथ बंधे होते थे जबकि आज फौज एक्शन लेने के लिए स्वतंत्र है। तेजस्वी वैज्ञानिकों की अज्ञात कारणों से मौत हो जाया करती थी और वैज्ञानिक कहते थे कि संसाधन उपलब्ध नहीं कराया जाता लेकिन आज हम चांद पर हैं। हमारे वैज्ञानिक देश को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। आज आतंकियों को मोदीजी कहते हैं कि घर में घुसकर मारेंगे जबकि आज आतंकियों से पुछिये तो कहेंगे कि कांग्रेस बहुत अच्छी थी,कांग्रेस ने हमें कभी नहीं रोका।  आज हम विश्व की तेरहवीं से चौथी अर्थव्यवस्था बन चूकें हैं।--उमाकाका हाथ चमकाये।

काकाजी, मोदी सरकार का कमाल है कि आज पुरा विश्व भारत की ओर कान और आंख केंद्रीत किये है। खैर आज इतना हीं फिर कल।--कहकर मैं उठ गया  और इसके साथ हीं बैठकी भी.....!!!!

आलेख - लेखक


प्रोफेसर राजेंद्र पाठक (समाजशास्त्री)

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