( खबर कैसे खतरा) हाजीपुर - साल 25 :- तस्वीर और तकदीर दोनों बदलने की संभावनाएं लिए हाजीपुर विधानसभा

इस ख़बर से घबराया कोई और एक सप्ताह तक बेवसाइट बंद कराया था लेकिन पुनः हम आपके बीच हैं - संपादक

Manish Kumar Singh
Manish Kumar Singh
July 07, 2025

दावेदार और दावेदारी दोनों पहलूओं पर हर पार्टी में जोड़दार शक्ति प्रदर्शन, वहीं जातिगत व्यवस्था के आधार पर उम्मीदवार की उपस्थिति देखने लायक होगी 

दावेदार वह हैं जो लगातार विधायक बनने हुए हैं या विपक्ष से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं और टक्कर भी दे रहें हैं। मगर दावेदारी पेश करना यह अपने आप में बड़ी बात है। जैसा कि जग जाहिर है कि हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से एक व्यक्ति और एक ही निर्णय के सिद्धांत पर काम सत्ताधारी पक्ष की ओर से चलता आ रहा है। वहीं इस बार दावेदार को बड़ी चुनौती मिल रही हैं उन्हीं के संगठनात्मक संरचना से और लंबे समय से हाजीपुर में सेवा देने वाले भी मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज करने की ओर बढ़ रहे हैं। वैसे युवाओं को राजनीतिक रूप से षड्यंत्र कर - कर के मुकदमों के माध्यम से कमजोर कर दिया गया है। जिसके कारण हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवारी पेश करने की हिम्मत एक व्यक्ति के रहते संभव नहीं हो रहा है, लेकिन इस बार पक्के दावेदार की स्थिति बहुत नाज़ुक बनी हुई हैं।

आपको बता दें कि दावेदार के तौर पर हाजीपुर विधानसभा में भाजपा से अवधेश सिंह जो वर्तमान विधायक हैं और चौथी बार विधायक बनने का सपना संजोए बैठे हुए हैं। वहीं विपक्ष में देव कुमार चौरसिया पुनः संभावित उम्मीदवार बने हुए है और राजद की ओर से चुनाव घोषणा के बाद इनके नाम पर ज्यादा ध्यान रहने की संभावना रहेगी। देव कुमार चौरसिया सबसे मजबूत विपक्ष के दावेदार इसलिए हैं क्योंकि पूर्व विधायक हाजीपुर और वर्तमान केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के अलावा उनके द्वारा अपना उत्तराधिकारी घोषित कर अवधेश सिंह को तीन बार विधायक बना लिया गया मगर पिछले चुनाव 2020 में मात्र 2990 वोटों से जीत दर्ज करा सकें थे। नित्यानंद राय खुद भी 4 बार विधायक हाजीपुर से चुने गए और अवधेश सिंह पहली बार उपचुनाव और दो बार पूर्ण कार्यकाल के लिए विधायक बने, लेकिन देव कुमार चौरसिया ने 2020 में लगभग जीत को छुने तक पहुंच ही गए थे। इसलिए राजद का इस बार भी दांव देव कुमार चौरसिया ही हो सकते हैं।

दावेदारी करने वाले बहुत महत्वपूर्ण चेहरे -

बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन की राजनीति अब तक चलती आ रही हैं लेकिन इसमें प्रशांत किशोर की उपस्थिति से राजनीतिक दलों में हड़कंप मचा हुआ है। इसलिए हाजीपुर में भी NDA और INDIA गंठबंधन के साथ प्रशांत किशोर की राजनीतिक पार्टी जन सुराज अपने स्कूल बैंग चुनाव चिह्न के साथ बहुत मजबूती से उपस्थिति सुनिश्चित करेंगी। शिक्षा व नौकरी को मुख्य मुद्दा बनाकर बिहारियों को साथ लेकर बनाने का दावा कर रहे हैं जिसका जमीन पर असर भी दिख रहा है।

अब तक हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से हर चुनाव में दर्जनों लोगों की उम्मीदवारी होती रही हैं लेकिन इस बार और धमाकेदार उम्मीदवारों की उम्मीदवारी की बड़ी संभावना है। जिसमें इस प्रकार से संभावना है वहीं सही उम्मीदवार चुनने में हर दल गंभीर हो इसपर भी ध्यान रखना हैं यहां -

1. निकेत कुमार सिन्हा (लालाजी/कायस्थ जाति)

नगर परिषद, हाजीपुर के उपसभापति रहे निकेत कुमार सिन्हा हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से बहुत मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं। जहां सत्ताधारी पार्टी और गठबंधन ने तो गुलामी की परंपरा को मजबूत किया है लेकिन मजबूत विपक्ष को जिसमें राजद व गठबंधन और जनसुराज को इस पर विचार करने की जरूरत है। 

निकेत कुमार सिन्हा इस लिए विधायक के उम्मीदवार के रूप में देखें जाते हैं क्योंकि चंद दिनों के अपने नगर परिषद, हाजीपुर उपसभापति काल में हाजीपुर नगर परिषद क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव और काम किया। निकेत कुमार सिन्हा के काम करने के तरीके और लोकाचार में व्यवहार के कारण आम लोगों में विकासशील व्यक्ति के रूप में पहचान है। जिसके कारण ही नगर परिषद, हाजीपुर का जब सभापति चुनने का अधिकार सीधे जनता को मिला तो निकेत कुमार सिन्हा ने अकेले दम पर अपने एक सहयोगी को उम्मीदवार बनाकर भाजपा को कहें तो ज्यादा अच्छा नहीं होगा बल्कि हाजीपुर के पूर्व विधायक और वर्तमान केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के साम्राज्य को जड़ से झकझोर कर रख दिया और कड़ी टक्कर दिए थे। 

इसलिए हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से निकेत कुमार सिन्हा का किसी भी पार्टी से उम्मीदवार बनाना एक विकासशील व्यक्ति का सम्मान करना ही नहीं होगा बल्कि जनतंत्र के लिए बहुत सुखद संदेश भी होगा। 

2. उत्पल यादव (यादव जाति)

उत्पल यादव मुलत: बिदुपुर प्रखंड और राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से आते हैं। युवा जोश और एक अच्छे उद्योगपति हैं। पिता के विरासत में एक मजबूत कड़ी बनकर अपने बल पर युवाओं को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं। बुजुर्ग और महिलाओं को सम्मान देना और परिवारिक संस्कार से भरपूर उत्पल यादव नया आयाम बनाने में लगे हैं।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी उत्पल यादव का परिवार हैं और इसी वजह से हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। गांव गांव जाकर अपने रिश्ते मजबूत कर रहें हैं। राजद गठबंधन से उम्मीदवार के तौर पर मजबूत दावेदारी पेश करने के कारण जातिगत समीकरण में लाभ लेने का भी प्रयास हैं।

3. प्रियदर्शनी दुबे (भूमिहार ब्राह्मण जाति)

प्रियदर्शनी दुबे भारतीय जनता पार्टी (BJP) में वैशाली जिले में महिलाओं की बहुत मजबूत प्रतिनिधि हैं। वर्तमान समय में भाजपा में क्षेत्रीय प्रभारी महिला मोर्चा, बिहार भाजपा की सदस्य हैं। लगभग 15 वर्षों से भाजपा के साथ सक्रिय राजनीति कर रही हैं। भाजपा के संगठनात्मक संरचना में विभिन्न पदों पर रहते हुए भाजपा को मजबूत करने में भागीदारी सुनिश्चित करती रही हैं।

प्रियदर्शनी दुबे एक मात्र भाजपा कार्यकर्ता हैं जिन्होंने अपनी उम्मीदवारी को लेकर संगठन में बात रखी है। भूमिहार ब्राह्मण परिवार से आने वाली प्रियदर्शनी दुबे हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में आना चाहती हैं।

नारी सशक्तिकरण का दावा करने वाली भाजपा को हाजीपुर से बढ़त दिलाने के लिए कर रही प्रयास।

प्रियदर्शनी दुबे के विचारों से लगा कि बहुत गंभीरता से हाजीपुर शहरी क्षेत्र में 5 दशकों से परिवार के अनुभवों और खुद का अनुभव देखकर हाजीपुर की दशा को लेकर चिंतित हैं। इसलिए हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से अपनी राजनीतिक दल भाजपा (BJP) से दावेदारी पेश कर रही हैं।

4. कृष्ण भगवान सोनी ( स्वर्णकार जाति)

कृष्ण भगवान सोनी स्वर्णकार जाति से आने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपनी राजनीतिक समझ से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है। व्यवसाय करने के बावजूद लोगों के बीच में लगातार समय देना अपने आप में बड़ी बात है।

हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से कई बार अपनी उम्मीदवारी पेश कर चुके हैं और अब प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में अपने जोड़ीदार उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं। प्रशांत किशोर के पदयात्रा का अहम हिस्सा बनकर लोगों की नज़र में और तेजी से आये और आज उम्मीदवार बनने की ओर क़दम बढ़ा रहें हैं।

5. राजेश ठाकुर (भूमिहार ब्राह्मण जाति)

राजेश ठाकुर अफजलपुर धोबघट्टी के आधुनिक पंचायतीराज चुनाव में पहले मुखिया रहें। वहीं पत्नी को जिला परिषद सदस्य बनाये और वर्तमान समय में पुत्र को पंचायत समिति पर जीताकर सक्रिय राजनीति में बने हुए हैं। वहीं हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुके हैं।

राजेश ठाकुर वर्तमान समय में प्रशांत किशोर के साथ चलने का प्रयास कर रहे हैं और वहीं साथ ही हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनने का भी दावा ठोक दिया है। 

वहीं प्रशांत किशोर की जन सुराज में कई ऐसे लोगों का भी हाजीपुर से दावा होने के बावजूद राजेश ठाकुर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

6. राजीव ब्रह्मर्षी (भूमिहार ब्राह्मण जाति)

राजीव ब्रह्मर्षी नाम से ही परिचय मिल जाता हैं कि किस समाज से या जाति से आते हैं फिर भी राजीव ब्रह्मर्षी को लोग हिंदू के नाम से जानते हैं। हिन्दुत्व के बिहार के सबसे बड़े चेहरे के रूप में जाने जाते हैं राजीव ब्रह्मर्षी। 

राजीव ब्रह्मर्षी ने भारत के बड़े-बड़े हिन्दुत्व के चेहरों के साथ बैठकर हिंदू परंपरा को जाना, समझा और एक बहुत ही महत्वपूर्ण और मजबूत संगठन का निर्माण किया "हिन्दु पुत्र" और उसके संरक्षक के रूप में अपने कार्यकर्ताओं के लिए जान देने में कोताही नहीं बरती।

राजीव ब्रह्मर्षी का संगठनात्मक संरचना बहुत मजबूत और हिन्दुत्व के लिए कोई भी काम करने वाला हो तो उसके लिए अपना जीवन लेकर खड़ा होने वाला पहली बार बिहार ने पाया है या देखा हैं। राजीव ब्रह्मर्षी ने अपने संगठन के एक मजबूत कार्यकर्ता के खिलाफ गलत केस करने को लेकर पुलिस मुख्यालय, बिहार, पटना में जाकर आत्मदाह करने का प्रयास किया और काफी जल भी गए थे।

हिन्दुत्व के कार्यों को लेकर सरकार से टकराते हुए उत्तर बिहार के मुहाने पर श्री मारुति हनुमान मंदिर जिसे भारत सरकार का सड़क निर्माण विभाग कहीं ऐसे ही स्थापित करने का प्रयास किया था उसके खिलाफ आंदोलन कर इसी महीने 05 जून को दिग्घी दुमोड़वा हाजीपुर में 108 फीट ऊंचा मंदिर बनाकर भगवान को स्थापित करने का काम किया।

राजीव ब्रह्मर्षी के हिन्दुत्व कार्य को लेकर एक पुस्तक लिखी जा सकती हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) जो हिन्दुत्व को लेकर गंभीरता दिखाती है उसे 25 साल पहले का योगी आदित्यनाथ के रूप में राजीव ब्रह्मर्षी को देखना चाहिए। वहीं आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ को विरासत में राजनीति मिली थी लेकिन राजीव ब्रह्मर्षी ने अपने दम पर समाज को लेकर एक बहुत मजबूत संगठन हिन्दु पुत्र की स्थापना कर एक बड़ी चुनौती और लकीर खींच दी हैं।

वहीं हिन्दुत्व की सरकार के रहते हुए राजीव ब्रह्मर्षी को कमजोर करने के लिए मुकदमों की बरसात कर दिया, लेकिन राजीव ब्रह्मर्षी मुकदमों से डरने वाले नहीं हैं। इसलिए हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को मजबूत उम्मीदवार के रूप में राजीव ब्रह्मर्षी को लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए। जिसका परिणाम यह है कि बिहार की राजनीति में हिन्दुत्व का राजीव ब्रह्मर्षी से बड़ा चेहरा ना तो भाजपा के पास कोई हैं और ना ही किसी अन्य दलों में किसी की उपस्थिति ही है।

सर्व विदित है कि वर्तमान विधायक हाजीपुर अवधेश सिंह कुर्मी जाति से है वहीं देव कुमार चौरसिया बड़ई (पान कृषक) जाति से आते हैं।

वर्तमान विधायक हाजीपुर के नेतृत्व में जहां हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र का विकास पिछले 11 वर्षों में शुन्य हो गया तो वहीं शहरी क्षेत्रों में भाजपा के संगठन और नित्यानंद राय केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री, अवधेश सिंह विधायक के सहयोग से सभापति नगर परिषद हाजीपुर बनने के बाद भी हाजीपुर शहरी क्षेत्रों को श्मशान में बदल दिया है। हाजीपुर शहरी क्षेत्रों में सड़कों नमामि गंगे और सिवरेज के नाम पर 10 वर्षों से खोदा गया और लगभग 15 वर्षों से हाजीपुर शहरी क्षेत्रों में एक भी सड़क नहीं बना। 

यहां जातिगत आधार पर आपको बताने का कारण है कि किसी भी क्षेत्र में जाति के आधार पर ही कोई भी राजनीतिक दल उम्मीदवार बनाती हैं। व्यवस्था परिवर्तन की ओर अगर समाज कहें या हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों को इस पर ध्यान जरूर देना चाहिए कि उम्मीदवार किसी का नौकर ना हो, किसी का गुलाम ना हो और साथ ही साथ साहसी हो ताकि अपने क्षेत्र का विकास करने में सदनों में गरज सकें।

राघोपुर से भाजपा लड़ेगी 2025 विधानसभा चुनाव और उम्मीदवार होंगे नित्यानंद राय इस ख़बर से भी कई सत्ताधारी पार्टी को तकलीफ़ भी बहुत हुई है।
 

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