3 से 5 अगस्त तक पटना में होगा "बिहार बिजनेस महाकुंभ 2025" का आयोजन

सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि बिहार का है ग्लोबल भविष्य : विकास वैभव

Manish Kumar Singh
Manish Kumar Singh
July 07, 2025

बिहार एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है, लेकिन इस बार ज्ञान, संस्कृति और राजनीति नहीं, बल्कि वैश्विक व्यापार के मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए। "बिहार बिजनेस महाकुंभ 2025" का आयोजन 3 से 5 अगस्त तक पटना के ज्ञान भवन में होने जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य है राज्य के स्थानीय उत्पादों और स्टार्टअप्स को वैश्विक पहचान दिलाना और बिहार को भारत के कारोबारी मानचित्र पर चमकता सितारा बनाना। उक्त जानकारी "बिहार बिजनेस महाकुंभ 2025" के संयोजकों ने विद्यापति भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी।

यह आयोजन केवल एक ट्रेड फेयर नहीं, बल्कि एक सामाजिक-आर्थिक पुनर्जागरण है। इस मंच पर भागलपुरी सिल्क, मधुबनी पेंटिंग, जैविक कृषि उत्पाद, बांस-मिट्टी के शिल्प और ग्रामीण महिलाओं के बनाए उत्पाद "Made in Bihar" टैग के साथ "Marketed Globally" की दिशा में बढ़ेंगे। यह महाकुंभ बिहार के आत्मनिर्भरता की नई परिभाषा गढ़ेगा।

उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आईपीएस अधिकारी श्री विकास वैभव ने कहा कि बिहार अब सिर्फ श्रमदानी नहीं, बल्कि उद्यमिता और नवाचार का गढ़ बनने को तैयार है। राज्य की MSMEs, युवाओं के स्टार्टअप और महिला स्व-सहायता समूहों को वैश्विक निवेशकों के सामने लाने का यह सुनहरा अवसर है। यह आयोजन बिहार को एक 'रोजगार मांगने वाले राज्य' से 'रोजगार देने वाले राज्य' में बदलने की दिशा में एक ठोस कदम है।

इस तीन दिवसीय आयोजन में 250 से अधिक ब्रांड्स और स्टार्टअप्स हिस्सा लेंगे, जबकि 30,000 से अधिक आगंतुकों के आने की संभावना है। "ग्लोबल एक्सपोर्ट पवेलियन", "डिस्ट्रिक्ट इनोवेशन शोकेस", "यूथ स्टार्टअप हॉल", "वूमन एंटरप्राइज ज़ोन", और "स्किल टू स्टार्टअप" जैसे ज़ोन इसे एक अद्वितीय व इनक्लूसिव कार्यक्रम बनाते हैं। नीति-निर्माताओं, राजदूतों और उद्योगपतियों की भागीदारी इसे राष्ट्रीय-से-अंतरराष्ट्रीय मंच का रूप देती है।

बिजनेस महाकुंभ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ग्रामीण महिलाओं, युवाओं और स्थानीय नवोन्मेषकों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह मंच न केवल उनके लिए प्रेरणा बनेगा, बल्कि निवेश और संभावनाओं के नए द्वार भी खोलेगा। इससे बिहार की आर्थिक संरचना को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी।

इस महाकुंभ के संयोजकों का स्पष्ट संदेश है कि “बिहार अब सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि ग्लोबल भविष्य भी है।” यह आयोजन राज्य के छुपे हुए टैलेंट, उत्पादों और उद्यमशीलता को दुनिया के समक्ष लाने का अभियान है। यह बिहार के युवाओं को नए सपने देखने और उन्हें पूरा करने का अवसर देगा। मौके पर सुमन कुमार, मोहन कुमार झा, शुभम यादव, निशा मदन झा, हर्ष राजपूत, नितिका कुमारी इत्यादि मौजूद थे।

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