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बैंक में खाता रहना भारत में अनिवार्य है क्योंकि डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ता भारत सभी कामों को डिजिटल रूप में करने में लगा है। उसी दौर में बैंकिंग सेवा को भी डिजिटल रूप में बदल दिया गया है। बैंकिंग क्षेत्र में लगातार बदलाव होते जा रहे हैं तो और बड़े बदलाव हुए हैं भारत के कुछ बैंकों में। अब अगर आपके खाते में पैसा नहीं भी है, तो भी घबराने की ज़रूरत नहीं। देश के कई बड़े सरकारी बैंकों ने वह नियम ही खत्म कर दिया है, जिसके तहत खाताधारकों से मिनिमम बैलेंस न रखने पर हर महीने जुर्माना वसूला जाता था।
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Canara Bank, PNB, Bank of India, Indian Bank और Bank of Baroda जैसे सरकारी बैंकों ने अपने सभी बचत खातों पर यह शर्त हटा दी है। यानी खाता खाली रहने पर भी पैसा कटेगा नहीं, और ग्राहक बिना किसी डर के अपना खाता चालू रख सकते हैं। RBI की नई गाइडलाइन में भी साफ कहा गया है कि बैंक खाताधारकों को माइनस बैलेंस में नहीं ले जा सकते। यानी अब कोई बैंक ग्राहक से जबरन शुल्क नहीं वसूल सकता।
यह फैसला खासतौर से उन लोगों के लिए बड़ी राहत है:
• जिनकी मासिक आमदनी कम है,
• जो ग्रामीण क्षेत्र या मजदूरी पर निर्भर हैं,
• बुज़ुर्ग पेंशनधारक,
• या वो लोग जो खाते को जरूरत के समय ही उपयोग करते हैं।
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* बड़ी बात यह है —*
* अब बैंक का खाता रखने के लिए जेब ढीली करने की मजबूरी नहीं रही।
* यह ग्राहक के अधिकारों और विश्वास की जीत है, जिसे लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बहुत बड़ी पहल करते हुए मिनिमम बैलेंस का सिस्टम खत्म कर आम लोगों को बड़ी राहत दी। अब बैंकिंग से आम लोगों को जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा।