दो गुजराती में फर्क : एक गुजराती जिसे चंपारण सत्याग्रह से सत्य और अहिंसा के लिए जाना तो वहीं दूसरा गुजराती चंपारण में झूठ, फरेब और ठग्गी के लिए जाना जाता हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी को बंधक बनाकर लोगों को बिहार में रखना चाहिए कि तुमसे ना हो पाएगा, अब बकस दो

Manish Kumar Singh
Manish Kumar Singh
July 17, 2025 • Updated July 17, 2025

ना पढ़ेगा इंडिया तभी तो सवाल नहीं कर पाएगा इंडिया 

इसी सिद्धांत के तहत पुनः अपने राजनीतिक और सामाजिक रैलियों में दिए जाने वाले भाषणों को जुमला कहने वाले 52वीं बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी कल सुबह 10 बजे मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) में आ रहे हैं। महात्मा गांधी से नफरत करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी को गांधी के सहारे ही आना पड़ रहा है। मोतिहारी नाम आते ही पूरे ब्रह्मांड में एक ही नाम आता हैं महात्मा गांधी और उनका अंग्रेजी हुकूमत के ख़िलाफ़ हल्ला बोल। जहां महात्मा गांधी को मोतिहारी से एक पहचान मिली और एक मजबूत रास्ता कि उन्हें विश्व स्तर का नेता बनाया और उसमें सत्य के साथ अहिंसा हथियार के रूप में रहा। वहीं उसके विपरीत आज आजाद भारत में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी मोतिहारी में जब भी आये झूठ बोलकर गए और फरेब कर लोगों का वोट लेकर ठगने का काम किया।

आपको बता दें कि भाजपा के नेताओं का सोशल मीडिया पर नया प्रोपगंडा शुरू हो गया है। जिसके अनुसार - "52वीं बार मोदी जी आ रहे हैं बिहार, बिहारवासियों को देने फिर से करोड़ों की सौगात, हर दिल में है उत्साह, हर नज़र को है इंतज़ार!"। कल 18 जुलाई को सुबह 10 बजे मोतीहारी के गाँधी मैदान में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में राजनीतिक सफ़र को सरकारी खर्चों पर शुरू किया जाएगा। भारत की आम जनता के मेहनत की कमाई को भारत सरकार और बिहार सरकार ने अपने स्तर पर बांट लिया। वहीं भारत सरकार के पास अधिक शक्ति होने के कारण जनतंत्र के जनता का शोषण कर धन जमा करने का अधिकार ज्यादा है और उसी में से बिहार सरकार को कुछ जुमले के रूप में परोसा जाएगा।

जुमले के रूप में इसलिए क्योंकि 2015 विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने मुजफ्फरपुर में चुनाव के पहले जैसे 18 जुलाई को आ रहे हैं कि तरह आकर बिहार की बोली लगाई थी और जो पैसे या धन राशि की घोषणा हुई आज तक नहीं आया। उसी तरह जो पैसे 10 साल पहले कहें गए वह नहीं आया तो कल मोतिहारी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जो बोलेंगे उसे जुमलेबाजी से ज्यादा कोई नहीं समझेंगा। 

18 जुलाई 2025 को तो बिहार और बिहारी को तैयार होकर रैलियों में भीड़ जुटाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी को घेरे और बंधक बनाकर पूछे यहीं गांधी चौराहे पर पूछेंगे सवाल और जवाब देकर तब जाओगे दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी बहुत हो गया है बिहार के साथ धोखाधड़ी और झूठे और जुमलों के साथ बिहार अब आपको माथे पर नहीं बिठाएगी। बिहार में बिहारियों के सम्मान की बात है और अब नौटंकी नहीं चलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी पर बिहार भरोसा नहीं करता है इसलिए इस बार जुमलेबाजी के चक्कर में नहीं पड़ेगा बिहार।

18 जुलाई को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी आ रहे बिहार, चलो घेरों और करो सवाल  के साथ बिहार को आगे बढ़ना चाहिए।

जागो बिहार जागो

जय बिहार जय बिहारी 

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