विधानसभा भारत के विभिन्न राज्यों का निचला सदन होता है। विधानसभा में भी उस राज्य के सभी व्यस्त मतदाताओं के द्वारा चुनी गई सरकार के द्वारा ही संचालित होती है। विधानसभा के सदस्य राज्य के लोगों के द्वारा प्रत्यक्ष प्रतिनिधि होते हैं क्योंकि उन्हें किसी एक राज्य के 18 से अधिक उम्र वर्ग के नागरिकों द्वारा सीधे चुना जाता है इसके अधिकतम आकार को भारत के संविधान के द्वारा निर्धारित किया गया है जिसमें 500 से अधिक और 60 से कम सदस्य नहीं हो सकते। हालांकि विधानसभा का आकार 60 सदस्य से कम हो सकता है सदन के एक अधिनियम के द्वारा जैसे गोवा से की मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश पांडिचेरी में लागू है। विभिन्न राज्यों में राज्यपाल एक सदस्य को अल्पसंख्यकों का प्रतिरोध करने के लिए भी नियुक्त कर सकता है। भारतीय संविधान के तहत विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है इसके बाद वह स्वत: चुनाव की प्रक्रिया में आ जाता है। वही आपातकालीन स्थिति में विधानसभा का सत्र बढ़ाया या इसे बंद किया जा सकता है। वहीं विधानसभा का एक सत्र 5 वर्षों का होता है लेकिन मुख्यमंत्री के अनुरोध पर राज्यपाल बीच में कभी भी विधानसभा को भंग कर सकती है। विधानसभा का सत्र अधिकतम एक समय में केवल 6 में बढ़ाया जा सकता है। विधानसभा को बहुमत प्राप्त या गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर्म ही भंग किया जा सकता है। विधानसभा का सदस्य होने के लिए व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए एवं उसकी उम्र 25 वर्ष पूर्ण होने चाहिए। वह मानसिक रूप से ठीक और दिवालिया और उसके ऊपर किसी भी प्रकार का अपराधिक मुकदमा ना होने का प्रमाण पत्र भी उस व्यक्ति को देना होगा।
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