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June 08, 2025
Ahaan News

पंच सरपंच संघ का राज्य स्तरीय महाबैठक आयोजित, लिये गये कई चौकाऊ निर्णय

9 जून को पंचायती राज विभाग के सचिव, निदेशक, मुख्य सचिव एवं सरपंच - मुखिया संघ के अध्यक्ष के साथ होगा निर्णयायक वार्ता

पटना। बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ का राज्य स्तरीय महाबैठक दरोगा राय पथ अवस्थित संपर्क कार्यालय के सभागार में हुई जिसकी अध्यक्षता संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने किया तथा मंच संचालन प्रदेश संयोजक पुष्पेंद्र ठाकुर ने किया। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने कहा कि पंच सरपंच को 2001 ई से सम्मानजनक पेंशन चालू करने, एम एल सी चुनाव का वोटर बनाने, ग्राम कचहरी को सर्व सुविधा संपन्न करने, सम्मान सुरक्षा सुविधा वेतन बीमा भत्ता पेंशन अधिकार देने, सरपंच पर हो रहे झूठा मुकदमा, जानलेवा हमला हत्या करने पर रोक लगाने, सरपंच को न्यायिक मजिस्ट्रेट का दर्जा देते हुए 31000/ रुपए, न्याय मित्र को 30500/रुपए, सचिव को 30000/ रुपए मासिक वेतन देने, कार्य अवधि में मृत्यु होने पर 10 लाख रुपए मुआवजा देने, सरपंच पर हुए झूठा मुकदमा का स्पीडी ट्रायल चलाकर केस समाप्त करने, नोटिस तामील करने, गार्ड, सफाई बहुद्देशीय दृष्टिकोण से प्रहरी की बहाली व समायोजन करने , तथा न्याय के साथ विकास के गांधी जी के उद्देश्य को धरातल पर लागू करने, पंचायती राज गाइडलाइन को अक्षरशः से लागू करने, आदि मांगों को लेकर मुख्य सचिव, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक के साथ वार्ता कर मांग किया जाएगा। 

वर्तमान सत्र में सरकार से वार्ता विफल होने पर निर्णायक लड़ाई तेज होगा - आमोद निराला


मुखिया संघ के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश राय ने कहा कि स्थानीय निकाय के सभी प्रतिनिधि सभी संघ एकजुट हो चुके हैं सरकार गफलत में ना रहे ,यदि हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तो आगामी विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री कैबिनेट मंत्री का घेराव किया जाएगा, जिसका जिम्मेदार सरकार की होगी तथा आगामी चुनाव में सरकार को कुर्सी से उखाड़ फेंकने का निर्णय लिया जाएगा। तथा जिला में स्थानीय निकाय प्रतिनिधि महासंघ गठबंधन का रैली किया जाएगा। पंच सरपंच संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह खगड़िया जिला अध्यक्ष किरण देव यादव ने 11 सूत्री मांगों का प्रस्ताव रखा जो सर्व समिति से पारित किया गया। 

स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों की मांग पूरी नहीं हुई तो सरकार सत्ता के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंकेंगे - मिथिलेश राय


बैठक में प्रदेश सचिव भरत सिंह, बांका जिला अध्यक्ष अमित दुबे, मुंगेर जिला अध्यक्ष राकेश रंजन, पर प्रहरी संघ के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, न्याय मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामाशंकर राय, सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष ताराकांत राय, अनिल कुमार संजय सरफरोश, भागवत राम कमलेश पांडेय अविनाश कुमार अरविंद कुमार हिमांशु कुमार सुधीर कुमार उदय प्रकाश जनार्दन ठाकुर संजय कुमार नवल किशोर बिट्टू राज अवधेश कुमार पवन कुमार सोनी दुबे दिलीप पासवान विजय ठाकुर अभय सिंह कमलेश पांडे अजय कुमार अनिल कुमार अभिषेक कुमार अंजली कुमारी प्रभाष चंद्र प्रदीप शर्मा लालू मंडल सुनील कुमार मोहम्मद तस्दीक, अफजाल अहमद सहित सभी जिला के अध्यक्ष, प्रदेश के सभी पदाधिकारी ने सक्रिय भाग लिया तथा मांगों के प्रति एकजुट का इजहार किया। 


बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सभी जिला में सभी संगठनों के गठबंधन का बैठक आयोजित कर रैली का आयोजन किया जाएगा।
 

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
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June 06, 2025
Ahaan News

बैठकी ~~~ सरेंडर, सरेंडर, सरेंडर

आप्रेशन सिंदूर को लेकर मोदी सरकार ने जो 33 देशों में सात समूहों का डेलिगेशन विदेशों में भेजा उसमें हमारे विपक्षियों के सांसद भी थे।


बैठकी जमते हीं उमाकाका बोल पड़े--" सरजी, धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ लेकिन विभाजन के बाद भी,भारत से आधा पाकिस्तान हीं जुदा हुआ,आधा भारत में हीं रह गया और ये शेष पाकिस्तान, विभाजित भारत पर कांग्रेस के रूप में दशकों तक सत्ता में रहा। आज परिस्थितियां बदल गई हैं।देश के भीतर सत्ता में भारत है तो भारत के भीतर का पाकिस्तान विपक्ष में अर्थात कांग्रेस!"

ठीक कहते हैं काकाजी! आजादी के बाद से हीं कांग्रेस ने अंबेडकर साहब के संविधान को जिस तरह इस्लामिक संविधान का रुप दे दिया उससे तो बिल्कुल साफ-साफ दिखता है कि गांधी और नेहरू ने बड़ी धूर्तता और षड्यंत्र के तहत इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान बना डाला और शेष हिंदुओं के हिस्से की सत्ता की चाभी भी अपने पास रखते हुए "गजवा-ए-हिंद" करने के सारे तिकड़म लगा डाले। शुक्र है ईश्वर का जो हिंदुओं में थोड़ी समझ जगी और भाजपा सत्ता में आ गई। भाजपा के सत्ता में आने से कांग्रेस रुपी पाकिस्तान में खलबली मच गई है क्योंकि इसके चलते विगत में उसके द्वारा राष्ट्र और हिन्दुओं के विरुद्ध किये गये सभी पाप,आमलोगों की समझ में आने लगी है फलस्वरूप कांग्रेस का,शेष भारत को भी इस्लामिक राष्ट्र अर्थात पाकिस्तान बनाने का सपना टुटता नजर आ रहा है । तभी तो विपक्ष का कांग्रेसी नेतृत्व "श्रीमान राहुल गांधी" देश-विदेश, जहां भी मौका मिलता है, राष्ट्र विरोधी वक्तव्य और सेना का मनोबल तोड़ने का उपक्रम करने लगता है।--मास्टर साहब मुंह बनाये।

पीछे के क्रिया कलापों को छोड़िये! अभी  पहलगाम आतंकी हमला के जबाब में भारतीय सेना ने,जो प्रक्रम दिखाया है जिसको लेकर पुरे विश्व के समक्ष, भारत की एक विशिष्ट शक्तिशाली छवि बनी है उससे आहत होकर राहुल गांधी और गांधी परिवार के तलुवा चाटने वाले, आप्रेशन सिंदूर को लेकर ऐसे ऐसे वक्तव्य दे रहे हैं जिसे पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर पाकिस्तान के पक्ष में प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करते हुए डिबेट किया जा रहा है।--डा.पिंटु हाथ चमकाये।

ए भाई लोग, आजकल रहुलवा बड़ा चर्चा में बा। टीवीया प खाली सरेंडर, सरेंडरे पर चर्चा होता।--मुखियाजी खैनी मलते हुए।

मुखियाजी, भोपाल की एक जनसभा में राहुल गांधी बोला कि आप्रेशन सिंदूर के दौरान अमरीका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने मोदीजी को फोन किया और बोला कि "मोदीजी, ये क्या कर रहे हो!! सरेंडर करो! नरेन्द्र मोदी ने इधर से कहा-- जी हुजूर, और सरेंडर कर दिया। मतलब आप्रेशन सिंदूर बंद कर दिया।"
मुखियाजी, भाजपा वाले ठीक कह रहे हैं कि राहुल का ये वक्तव्य, राष्ट्र और सेना दोनों का घोर अपमान है। आप्रेशन सिंदूर के सीजफायर की वास्तविकता दुनिया जान चूकी है फिर भी दुश्मन पाकिस्तान के पक्ष में और देश के विरुद्ध ऐसी गलत बात कहना क्या ये सिद्ध नहीं करता कि भारत के भीतर कांग्रेस, शेष भारत में पाकिस्तान का हीं प्रतिनिधित्व करता है!!--उमाकाका मुंह बनाये।

इसबीच बेटी चाय का ट्रे रख गई और हमसभी एक एक कप उठाकर पुनः वार्ता में.......

काकाजी, ठीक हीं सब कह रहें हैं कि कांग्रेस अपना इतिहास देखें तो देश बंटवारे के साथ हीं,जिन्ना के मुस्लिम लीग के समक्ष कांग्रेस ने जो सरेंडर करना शुरु किया वो सिलसिला कांग्रेस ने अपने अंतिम शासनकाल तक जारी रखा है। अगर कांग्रेस के पाकिस्तान, चीन, अमरीका , आतंकियों आदि के समक्ष किये गये सरेंडर का विवरण देने लगुं तो घंटों लग जायेंगे। सच में देश का विभाजन तो हुआ लेकिन अपने हिस्से का सबकुछ लेने के बावजूद, मुंह ढककर आधा पाकिस्तान यहीं रह गया जो आज हम भारतियों और सनातनियों के लिये सबसे कठीन समस्या बन चूका है।--कुंवरजी अखबार पलटते हुए।

अच्छा इ बतायीं सरजी कि आप्रेशन सिंदूर के सफलता से कांग्रेस के काहे चिढ़ बा!!--मुखियाजी मेरी ओर देख कर।

मुखियाजी, राजनीतिक स्तर पर विचार करें तो पहलगाम आतंकी हमले के पश्चात भारत द्वारा बदले में किया गया आप्रेशन सिंदूर,मोदीजी के नेतृत्व में राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर श्रेष्ठता की ओर बढ़ते भारत को प्रतिबिंबित किया है । हर क्षेत्र में उत्तरोत्तर विकास की ओर बढ़ता भारत, विपक्षियों के लिये राजनीतिक स्तर पर अपने अस्तित्व के लिए चिंता का सबब बन रहा है,चाहे वो अर्थव्यवस्था हो या सुरक्षा का क्षेत्र, चाहे स्वनिर्भरता का क्षेत्र हो या वैश्विक स्तर पर भारत का बढ़ता प्रभाव। इसका स्पष्ट प्रभाव आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में दिखेगा हीं दिखेगा। 


सबसे महत्वपूर्ण बात तो ये है कि मोदीजी के सामने भारत के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय विदेशी षड्यंत्रकारियों की भी दाल नहीं गल रही जिसे भारत के विरुद्ध इन विपक्षियों का भी साथ मिला हुआ है । देश के बाहर के दुश्मन चाहते थे कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को चौपट करने के लिए भारत को भी रुस और युक्रेन की तरह युद्ध में फंसा दिया जाय। कांग्रेस शासन का इतिहास साक्षी है कि कांग्रेस,हमेशा भारत के दुश्मन चीन और पाकिस्तान की हितैषी रही है तो उसकी चाहत भी वही थी जो पाकिस्तान, चीन, अमेरिका,डीप स्टेट की रही है लेकिन मोदी और हमारी जांबाज सेना ने चार दिनों में हीं, आप्रेशन सिंदूर को अंजाम देकर,पाकिस्तान को उसकी आतंकवादी करनी का फल चखाकर अपनी सेहत और दुरुस्त हीं नहीं कर लिया बल्कि देश के विरुद्ध षड्यंत्रकारियों को भी माकूल जवाब दे दिया।--मैं चुप हुआ।

सरजी, आप्रेशन सिंदूर को लेकर मोदी सरकार ने जो 33 देशों में सात समूहों का डेलिगेशन विदेशों में भेजा उसमें हमारे विपक्षियों के सांसद भी थे। कांग्रेस के शशि थरूर तो एक समूह को लीड भी कर रहे थे। इन जत्थों में सलमान खुर्शीद,ओबैसी जैसे मुस्लिम परस्त भी रहे जो विदेशों में पाकिस्तानी आंतकी गतिविधियों को उजागर करके धुम मचा दिये हैं। पाकिस्तान में इनकी आलोचना भी हो रही है। इसपर आपकी क्या राय है!!--सुरेंद्र भाई, डा. पिंटू की ओर देखकर।

भाईजी, जैसा कि इन लोगों का इस मैटर पर पत्रकारों के समक्ष उतर सुना। इन लोगों ने वाकई बड़े हीं सुलझे और स्पष्ट तरीके से भारत के पक्ष को,विदेशों में  रखा है और पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों को उजागर किया है। इनका कहना है कि दलगत राजनीति देश के भीतर होनी चाहिए लेकिन देश के बाहर हम अपने देश का प्रतिनिधित्व करने गये हैं तो वहां हम सिर्फ भारतीय हैं। 


भाईजी, ये बात सभी भारतवासियों के लिये संतोष देने वाली है लेकिन..।--डा. पिंटू चुप हुए तभी मुखियाजी बोल पड़े --"लेकिन का!!"


मुखियाजी, मुझसे सुनिये! शशि थरूर का नाम कांग्रेस ने डेलिगेट्स के मेंबर के रूप में नहीं दिया था लेकिन फिर भी मोदीजी ने उनकी योग्यता का सम्मान करते हुए चुनाव किया तो शशि थरूर के सामने एक तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने को सिद्ध करने का अवसर था जिसे वे खोना नहीं चाहेंगे दुसरी ओर अब कांग्रेस का और कांग्रेस में गांधी परिवार के अलावा और किसी का भविष्य नहीं इसे भी वो अच्छी तरह जानते हैं तो क्यों न अपने व्यक्तित्व की अहमता से पार्टी और देश को परिचित कराया जाय। तीसरी बात कि देश के प्रति अपना कर्तव्य है वो भी पुरा करने का अवसर मिला जिसे उन्होंने भलि भांति निभाया। रही बात ओबैसी की तो उन्होंने इस डेलिगेशन के सदस्य के रूप में अपनी भूमिका को राष्ट्रभक्त के रूप में सार्थक सिद्ध करके अपनी पार्टी एआईएमआईएम की छवि इस्लाम परस्त के साथ,राष्ट्रभक्त की दिशा में मोड़कर मुसलमानों के साथ साथ सेक्युलर हिंदुओं को भी अपने पाले में करके,राजनीतिक विस्तार करने का प्लेटफार्म तैयार कर लिया है। 
अन्य विपक्षी दलों के डेलिगेट्स भी अपनी भूमिका के बल पर यह सिद्ध करने का प्रयास करेंगे कि सिर्फ भाजपा हीं राष्ट्रवादी नहीं हम भी हैं। हां सोचने की बात यही है कि ओबैसी मुस्लिम समर्थक है, लेकिन जब वो भारत समर्थक होते हैं तो हिंदू उनका समर्थन करते हैं। वहीं मोदी भारत समर्थक हैं और जब वे हिन्दू समर्थक होते हैं तो मुसलमान उनका विरोध करते हैं।--कहकर मास्टर साहब मुस्कुराये।

जो भी हो! कांग्रेस वालों का आप्रेशन सिंदूर पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करना, मोदीजी के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते प्रभाव को लेकर फ्रस्ट्रेशन के सीवा कुछ नहीं। वैसे भी ये कोई नहीं बात नहीं है । मोदी विरोध में देश का हीं विरोध करना कांग्रेस की आदत और मजबूरी बन चूकी है। अच्छा अब चला जाय।--कहकर सुरेन्द्र भाई उठ गये और इसके साथ हीं बैठकी भी.......!!!!!!
 

आलेख - लेखक


प्रोफेसर राजेंद्र पाठक (समाजशास्त्री)

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
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June 05, 2025
Ahaan News

अकेले एक सनातनी की सोच़ का मूर्त रूप हैं ‘‘श्री मारुति हनुमान मंदिर’’ महावीर चौक

सैकड़ों राजनीतिक साजिशों और षड्यंत्रों का दंश झेलकर निकला और स्थापित किया हर सनातनियों के गौरवशाली परंपरा का सबसे बड़ा मंदिर, ‘‘श्री मारुति हनुमान मंदिर’’ महावीर चौराहा, हरिहर क्षेत्र, उत्तर बिहार के मुहाने पर वह व्यक्तित्व का नाम हैं श्री राजीव ब्रह्मर्षि।

‘‘श्री जानकी बल्ल्भो विजयते’’


के सिद्धांत को अपनाकर आज श्री भगवान हनुमान जी के सच्चे भक्त श्री राजीव ब्रह्मर्षि ने अपने अकेले की सोच़ से इतिहास को बनाने से ज्यादा संवारने का काम किया हैं। आज 05 जून श्री गंगा दशहरा के शुभ असवर पर तीन दिवसीय अनुष्ठान के साथ श्री राजीव ब्रह्मर्षि के द्वारा ‘‘श्री मारुति हनुमान मंदिर’’ महावीर चौक प्राण प्रतिष्ठा के साथ हर एक सनातनियों के लिए समर्पित कर दिया।


श्री राजीव ब्रह्मर्षि को पहले आप जाने


श्री राजीव ब्रह्मर्षि को जो लोग आज तक जानते हैं वह कुछ नहीं जानते हैं और कोई दावा करता हैं तो वह उसके लिए आज भी 5 प्रतिशत ही होगी जानकारी। फिर भी यह बताने के लिए आलेख लिख रहा हूँ क्योंकि एक सच्चा सनातनी होना आसान नहीं होता हैं। एक सनातनी होना वह भी भारत जैसे देश में आज भी संकट हैं जब तथाकथित तौर पर हिन्दु की सरकार भारत में हैं और बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी हैं।


हर बच्चे को परिवार में जन्म से ही संस्कार के रूप में बड़ों को प्रणाम, नमस्कार, चरणस्पर्श जैसे आदर्शों से सींचा जाता हैं तो वहीं छोटो के लिए प्यार और स्नेह भाव एक पुँजी यानि धन के रूप में परोसा जाता हैं। इन सभी गुणें से युक्त श्री राजीव ब्रह्मर्षि एक अति मध्यवर्गीय परिवार में जन्म लिए और एक आदर्श पूर्ण जीवन सफर में चलते रहें। बहुत ही कम उम्र में माँ को केंसर की बीमारियों ने अपने बच्चों से अलग कर दिया, जिसके कारण परिवार से धन और संस्कृति (माता जी का असमय साथ छोड़ना) का छय हो गया। जिसके चंद दिनों बाद ही बहुत कम उम्र में श्री राजीव ब्रह्मर्षि को घर के बड़े लड़के होने के कारण शादी करनी पड़ी और जीवनसंगनी के रूप में आई श्रीमती पुनम कुमारी जो खुद भी बहुत कम उम्र की रहते हुए भी एक आदर्श पत्नी, बहु और बाद में दो अनमोल रत्न पुत्रों के साथ बहुत मजबूती के साथ आज खड़ी हैं।


एक संयुक्त परिवार मंे श्री राजीव ब्रह्मर्षि अपने पिता जी के साथ दादा-दादी और चाचाओं के साथ जीवन जीते हुए अपना स्नातक पुरा किया और व्यापार में लग गयें। 21 सदीं के पहले दशक के समाप्त होते - होते तक श्री राजीव ब्रह्मर्षि अपने कामों के अलावा समाजिक जीवन को भी समझने और उसमें समय देना प्रारंभ भी कर दिया। जिसके बाद ही उन्होंने घर की चार दिवारियों के बाहर निकलकर भी मंदिरों और सनातन परंपराओं को लेकर अपना संघर्ष प्रारंभ कर दिया था।


श्री राजीव ब्रह्मर्षि ने अपने एक सोच़ के आधार पर धीरे-धीरे युवाओं और प्रौढ़ों के बीच जगह बनाई और फिर हर एक सनातनी कार्यों में खुले तौर पर सड़कों पर उतरने लगें। सन् 2013-2014 में जब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रधानमंत्री पद के लिए चयन की प्रक्रिया पुरी हुई थी उससे पहले श्री राजीव ब्रह्मर्षि के दरवाजे पर उस समय के हिन्दुस्तान के सबसे बड़े हिन्दू व सनातनी मार्गदर्शक प्रवीन भाई तोगड़िया जी का आगमन हो चुका था। यह श्री राजीव ब्रह्मर्षि का प्रभाव ही था और उत्साह की लोगों ने प्रवीन भाई तोगड़िया जी को लेकर श्री राजीव ब्रह्मर्षि के साथ खड़े किए।


श्री राजीव ब्रह्मर्षि निरंतर हिन्दुत्व को लेकर प्रयास करते रहे और पहली बार अपने हिंदू पुत्र संगठन के माध्यम से ‘‘श्रीराम शोभा यात्रा’’ का आयोजन 2015 में किए और हरिहर क्षेत्र में पहली बार लोगों को इस तरह के आयोजन को देखने का मौका मिला। इस आयोजन के बाद श्री राजीव ब्रह्मर्षि लोगों के नज़रों से दूरी नहीं बना पाये और लाखों लोगों के बीच एक सच्चे सनातनी व हिंदू सेवक के रूप जाने जाने लगें।


षड्यंत्र और डराने व कद छोटा करने का प्रयास


श्री राजीव ब्रह्मर्षि के प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि धीरे-धीरे ‘‘श्रीराम शोभा यात्रा’’ एक सामान्य यात्रा भव्यता के साथ निरंतर चल पड़ी और उसमें इस क्षेत्र के पहले से स्थापित हिंदू संगठनों ने भी अपने अपने स्तर पर कार्यक्रम करने लगे। महज तीसरे वर्ष से ही स्थानिय नेताओं की नींद खुली और हिंदुत्व के चेहरे बन रहे श्री राजीव ब्रह्मर्षि के भविष्य में नेता बनने और हाजीपुर विधानसभा से प्रतिनिधित्व को लेकर डर समाने लगा। जिसके बाद ‘‘श्रीराम शोभा यात्रा’’ में अपनी भूमिका भी जबर्दस्ती घुसेरी ही कहा जाए तो उचित शब्द होगा।


श्री राजीव ब्रह्मर्षि के अकेले के सोच के साथ 2018 तक लाखों लोग जुड़ गए थे और राजनीतिक सत्ता दल को ही ज्यादा डर था तो खेल प्रारंभ होता हैं जो इस देश में सामान्य बात हैं और वह हैं मुकदमों का। श्री राजीव ब्रह्मर्षि के जीवन को देखेंगे तो 2018 के समय से उनके उपर 2 के पहाड़ा जैसे - 2, 2 दुनी 4, 2 तिया 6 करते - करते 2 बारहिए 24, 2 तेरहिए 26 और उससे और आगे बढ़ाकर लगभग 3 दर्जन से ज्यादा मुकदमें सत्ता पक्ष जबकि हिंदू की हैं तब हो गया है।


श्री राजीव ब्रह्मर्षि के साथ इतने मुकदमें अगर वर्तमान सत्ता के ना रहने पर होता तो लगता कि सेकुल्रर सत्ताधारियों ने किया हैं परंतु श्री राजीव ब्रह्मर्षि का प्रयोग तो सत्ताधारी करते आ रहे हैं और दुरूपायोग कर मुकदमों में धकेल देते हैं।


खैर, इसपर भी और बाते होगी, उससे ज्यादा जरूरी हैं कि आज की और बाते हों।


‘‘श्री मारुति हनुमान मंदिर’’ के लिए संघर्ष


श्री राजीव ब्रह्मर्षि को नागा अतीत श्री महंत श्री राघवेंद्र दास जी महाराज, हनुमान गढ़ी, अयोध्या धाम एवं श्री मारुति हनुमान मंदिर के परम श्रद्धेय संस्थापक व अधिष्ठाता का संदेश आया कि बहुत आप हिंदू की बात करते हैं और आज सनातन के धरोहर श्री बजरंगी का स्थान भारत सरकार खाली कराना चाहती हैं। 


आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग जो कि पटना से मुजफ्फरपुर की ओर का मुख्य द्वार रामाशीष चौक हैं और वहाँ सड़कों के विस्तार में मंदिर बाधा बनी हुई थी। जिसको लेकर किसी भी तरीके से भारत सरकार द्वारा नियुति ठेकेदारों द्वारा महंत श्री राघवेंद्र दास जी को धमकाया भी जाता था और किसी भी समय भगवान को कहीं ले जाकर ऐसे ही स्थापित करने की अघोषित तैयारी भी हो चुकी थी। लेकिन श्री राजीव ब्रह्मर्षि ने आश्वासन दिया कि सड़क निर्माण में हम बाधक नहीं बनेगे, लेकिन मंदिर की स्थापना उचित व सही जगह पर ही होगी।


श्री राजीव ब्रह्मर्षि पर भी खुब दाबव बना जिसमें दुनिया के सामने सत्ताधारी हिंदूत्व की बात करते और पीठ पीछे कुछ और खेल था। जिसके कारण भी श्री राजीव ब्रह्मर्षि पर कई मुकदमें हाजीपुर क्षेत्र के बाहर भी हुए।


लेकिन जिसकी रक्षा में स्वयं श्री बजरंगी हो उसे कौन हरा सकता हैं और श्री राजीव ब्रह्मर्षि ने दो बार जेल का सफ़र भी तय किया विभिन्न मालों में जो कि हिंदुत्व को लेकर ही रहा हैं। वहीं श्री राजीव ब्रह्मर्षि ने लगभग 2-3 साल का संघर्ष कर आज जहाँ मंदिर बना हैं वहाँ जमीन सरकार से लड़कर लिया।

 
लेकिन यह लड़ाई भी आसान नहीं थी, क्योंकि श्री राजीव ब्रह्मर्षि का कद बहुत उँचाई की ओर बढ़ रहा था तो मंदिर के कई दिवारों को तोड़ा गया वहीं कई जमीन के क्षेत्रों में कब्जों के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा। आज जो यह भव्य मंदिर हमारे बीच हैं उसके लिए अकेले श्री राजीव ब्रह्मर्षि का जीवन लगा हुआ हैं। इसे समाज को गंभीरता से सोच़ना चाहिए।


संघर्ष 


श्री राजीव ब्रह्मर्षि का संघर्ष बहुत बड़ा हैं तो परिणाम भी बहुत बड़ा मिला, लेकिन यह परिणाम समाज और सनातन के लिए सबसे बड़ी उपलब्धी बनकर हमारे समाने हैं। संघर्ष एक व्यक्ति से शुरू होता हैं और उस व्यक्ति के संघर्ष में एक-दो नहीं ऐसे सफलताओं के लिए हजारों लोगों के साथ और विश्वास की जरूरत होती हैं। श्री राजीव ब्रह्मर्षि को व्यक्तिगत तौर से मैं इतना जानता हूँ कि हर बात लिख दूँ तो एक पुस्तक बन जाएगा, लेकिन आज यहाँ यह करना चाहता हूँ कि श्री राजीव ब्रह्मर्षि को दर्जनों ऐसे लोगों का साथ मिला हैं जो कि अद्वितीय भी हैं और सफलता के लिए जरूरी और पहचान भी हैं। वैसे तमाम लोगों का नाम ले पाना मुश्किल हैं एक आलेख में लेकिन समय मिला तो पुस्तक जरूर लिखूँगा और उसमें सभी के सहयोग की चर्चा जरूर होगी।


संघर्ष का सबसे बड़ा शिकार उस व्यक्ति का परिवार होता हैं इसलिए श्री राजीव ब्रह्मर्षि के पूरे परिवार को लेकर सभी सनातनी परिवारों को उनके प्रति प्रेम, स्नेह, श्रद्धा, सम्मान और आशीर्वाद के साथ खड़ा रहने की आवश्यकता हैं।


श्री राजीव ब्रह्मर्षि को इस आलेख के माध्यम से एक ही संदेश हैं:-  मैं हूँ ना .....

 

लेखक


मनीष कुमार सिंह
 

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
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May 29, 2025
Ahaan News

बिहार में सत्ता की ओर निर्णायक कदम बढ़ा रही है बहुजन समाज पार्टी : अनिल कुमार

बसपा के बिना इस बार बिहार में नहीं बनेगी सरकार : सांसद रामजी गौतम

 
पटना : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपनी रणनीतिक तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी क्रम में आज बुद्धा कॉलोनी, पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के उपरांत  राज्यसभा सांसद सह नेशनल कोऑर्डिनेटर रामजी गौतम और केन्द्रीय प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने संयुक्त रूप से एक प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने बिहार सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बसपा अब सत्ता की ओर निर्णायक क़दम बढ़ा रही है और इस बार बिना बसपा के कोई सरकार नहीं बनने वाली है।

रामजी गौतम ने कहा कि बहन मायावती के नेतृत्व में बसपा का लक्ष्य बिहार से जंगलराज और गुंडाराज को पूरी तरह समाप्त कर एक सशक्त और विकासशील राज्य बनाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में अपराधियों और माफियाओं का राज चल रहा है, और आम जनता भय के साये में जी रही है। सरकारी अस्पतालों में भारी लापरवाही, डॉक्टरों की अनुपस्थिति और गरीबों की बदहाली का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बसपा की सरकार बनी, तो स्वास्थ्य, शिक्षा और कानून व्यवस्था को उत्तर प्रदेश के पूर्व में मायावती सरकार के मॉडल पर मजबूत किया जाएगा।

वही, पत्रकारों से बातचीत में केन्द्रीय प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने कहा कि बिहार की मौजूदा सरकार ने राज्य को 'महाजंगलराज' की ओर धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि दलितों, पिछड़ों और वंचित समाज को उनका हक दिलाया जाए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गोपालगंज में बाबा साहब की जयंती मनाने पर महिलाओं को सामंती सोच वाले लोगों ने घर में घुसकर बेइज्जत किया, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि जब तक बसपा की सरकार नहीं बनती, तब तक इन वर्गों पर अन्याय और अत्याचार जारी रहेगा।



अनिल कुमार ने एलजेपी नेता चिराग पासवान पर भी हमला बोलते हुए कहा कि वे बहुजन समाज के सच्चे प्रतिनिधि नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या चिराग पासवान बाबा साहब अंबेडकर की विचारधारा को मानते हैं? और अगर मानते हैं, तो दलितों पर हो रहे अत्याचार के मामलों पर कभी खुलकर बोले क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि महज टाइटल "पासवान" लगा लेने से कोई बहुजन नहीं बन जाता, बल्कि बहुजन हित में संघर्ष और स्पष्ट स्टैंड ज़रूरी है।

इस संवाददाता सम्मेलन में बसपा के केंद्रीय प्रदेश प्रभारी उमाशंकर गौतम, एडवोकेट सुरेश राव, जिला अध्यक्ष शंकर महतो और महासचिव डॉ. विजयेश कुमार भी मौजूद रहे। सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि पार्टी अब बूथ स्तर तक संगठन को सक्रिय कर रही है और आगामी चुनाव में बसपा पूरे दमखम के साथ मैदान में होगी। बसपा नेताओं ने जनता से अपील की कि अगर वे एक मजबूत, सुरक्षित और न्यायपूर्ण बिहार चाहते हैं, तो बसपा को समर्थन दें, क्योंकि अब केवल बसपा ही विकल्प नहीं, समाधान है।

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
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May 29, 2025
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"क्रिमिनल जस्टिस: ए फैमिली मैटर" के प्रमोशन को पटना आये लोकप्रिय अभिनेता पंकज त्रिपाठी

कहा - “माधव मिश्रा पटना से है, इसलिए यहां से हम शुरु कर रहे हैं प्रमोशन”

पटना : राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित लोकप्रिय अभिनेता बिहार की शान, पंकज त्रिपाठी ने अपने  सुपर हिट वेब शो के चौथे सीजन - “क्रिमिनल जस्टिस: ए फैमिली मैटर” के प्रमोशन की शुरुआत आज बिहार की राजधानी पटना से की। इस अवसर पर उन्होंने मैत्री हॉल, होटल ताज, सिटी सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया से बातचीत की और शो से जुड़ी कई अहम बातें साझा कीं।

पंकज त्रिपाठी ने कहा, “इस शो का मेरा किरदार ‘माधव मिश्रा’ का है, जो पटना से है। ऐसे में मेरे लिए यह भावनात्मक रूप से जुड़ाव का विषय था कि इस बार इसके सीजन 4 की शुरुआत भी यहीं से की जाए। पटना मेरी कर्मभूमि रही है, मैंने यहीं से थियेटर की शुरुआत की और यहीं से अभिनय का बीज मन में पनपा। इसलिए यह स्वाभाविक था कि जब मेरा किरदार भी पटना से है, तो प्रमोशन भी यहीं से शुरू हो।” मालूम हो कि अप्लॉज एंटरटेनमेंट द्वारा बीबीसी स्टूडियोज़ इंडिया के सहयोग से निर्मित और रोहन सिप्पी द्वारा निर्देशित, क्रिमिनल जस्टिस का चौथा अध्याय 29 मई से केवल जियोहॉटस्टार पर देखा जा सकेगा।

पत्रकारों से बातचीत में पंकज त्रिपाठी ने आगे कहा कि “क्रिमिनल जस्टिस” एक लीगल ड्रामा है, जो कोर्ट रूम की कार्यशैली और कानून से जुड़े पहलुओं को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करता है। लीगल ड्रामा में आमतौर पर ह्यूमर की गुंजाइश कम होती है, लेकिन ‘माधव मिश्रा’ जैसे किरदार की उपस्थिति से शो में सिचुएशनल ह्यूमर उत्पन्न होता है, जो दर्शकों को न केवल गंभीर विषय से जोड़ता है, बल्कि भावनात्मक और मनोरंजक भी बनाता है।



पंकज त्रिपाठी ने अपने अभिनय के बारे में बताते हुए कहा, “मैं पटना में थिएटर करता था और सिनेमा में करियर बनाने का सपना देखता था। फिर मुंबई गया और छोटे-छोटे सीन से शुरुआत की। माधव मिश्रा का किरदार भी इसी तरह का है – पटना से लोयर बनने मुंबई गया और अपनी मेहनत से बड़ा वकील बना।”

उन्होंने शो की विशेषता पर जोर देते हुए बताया कि “सीजन 1 में मेरा किरदार अकेला था, फिर सीजन 2 में शादी हुई, सीजन 3 में साला और अब सीजन 4 में एक नया कुछ देखने को मिलेगा। इसमें पटना और बिहार के स्थानीय स्लैंग, बोलियों और माहौल को भी शामिल किया गया है, जिससे बिहार के दर्शकों को इससे गहरा जुड़ाव महसूस होगा।”  पंकज त्रिपाठी ने यह भी साझा किया कि बीबीसी की इसी नाम की मूल सीरिज का यह भारतीय रूपांतरण है। जहां बीबीसी ने दो सीजन बनाए, वहीं भारतीय दर्शकों के प्यार की वजह से हम चौथे सीजन तक पहुंच चुके हैं।

एक मजेदार टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “अगर मौका मिलता तो मैं कालीन भैया का भी केस लड़ लेता!” वहीं, सिनेमा में आने की प्रेरणा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने मनोज वाजपेयी का नाम लेते हुए कहा कि “मनोज भैया की फिल्मों को देखकर ही मैंने सिनेमा में आने की ठानी।” प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पंकज त्रिपाठी आत्मीय और सहज अंदाज में नजर आए। उन्होंने उम्मीद जताई कि दर्शकों को इस बार भी ‘क्रिमिनल जस्टिस’ का चौथा सीजन उतना ही पसंद आएगा, जितना कि पिछली कड़ियाँ।

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May 29, 2025
Ahaan News

भोजपुरी में अच्छे शब्द चयन, शुद्ध भाषा और सकारात्मक विषयों को मिले बढ़ावा: चेतना

*भोजपुरी सिनेमा के पुनर्जागरण की पहल: पटना में चेतना झाम द्वारा आयोजित "महा प्रेस कांफ्रेंस" में मंत्रियों ने किया समर्थन*


पटना,  राजधानी पटना के प्रतिष्ठित होटल मौर्या में आज एक ऐतिहासिक पहल के तहत स्कमाखी एंटरटेनमेंट प्रा. लि. और चेतना झाम द्वारा पहली बार "महा प्रेस कांफ्रेंस" का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भोजपुरी सिनेमा के उत्थान, भाषा की गरिमा की रक्षा और पारिवारिक, साफ-सुथरी फिल्मों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इस अवसर पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के माननीय मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद, पर्यटन विभाग के माननीय मंत्री श्री राजू कुमार सिंह और फिल्म निर्माता चेतना झाम विशेष रूप से उपस्थित रहे।

चेतना झाम ने कहा, “भोजपुरी सिनेमा को राष्ट्रपिता डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने गौरवपूर्ण शुरुआत दी थी, लेकिन अब उसकी गरिमा लुप्त होती जा रही है। जरूरत है अच्छे शब्द चयन, शुद्ध भाषा और सकारात्मक विषयों की। मेरी नई फिल्म 'अनमोल घड़ी' की शूटिंग पूरे बिहार में होगी। हमारा ध्येय साफ-सुथरी, प्रेरणादायक और युवाओं को जोड़ने वाली फिल्में बनाना है।” चेतना झाम ने यह भी कहा कि थियेटरों और हॉल मालिकों से मिलकर भोजपुरी फिल्मों को प्राथमिकता देने पर बातचीत की जाए और इसका रोडमैप तैयार किया जाए।

मौके पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद ने स्पष्ट किया कि बिहार सरकार क्षेत्रीय भाषाओं, विशेषकर भोजपुरी में बनने वाली गुणवत्तापूर्ण फिल्मों को पूर्ण सहयोग दे रही है। उन्होंने कहा, “अगर किसी फिल्म की 75% शूटिंग बिहार में होती है, तो उसे 4 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। भोजपुरी हमारी मातृभाषा है, इसे अश्लीलता से नहीं, उत्कृष्टता से जोड़ा जाना चाहिए। शुद्ध भाषा, अच्छा संदेश और सामाजिक सरोकारों वाली फिल्में सरकार की प्राथमिकता हैं।”

वहीं, पर्यटन मंत्री श्री राजू कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में कला, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया, “हम फिल्म मेकर्स को सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गयाजी, वाल्मीकिनगर, वैशाली जैसे ऐतिहासिक स्थलों को शूटिंग के लिए तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी की प्रगति यात्रा के दौरान स्वीकृत 800 करोड़ की योजनाएं राज्य में पर्यटन और संस्कृति को मजबूती देने के लिए कार्यरत हैं।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में संयुक्त रूप से कहा कि अब वक्त आ गया है जब भोजपुरी और बिहार की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को गरिमा और सम्मान मिले। चेतना झाम ने यह भी प्रस्ताव रखा कि सरकार को थिएटर मालिकों और फिल्म वितरकों के साथ एक स्पष्ट नीति पर काम करना चाहिए जिससे साफ-सुथरी फिल्मों को प्राथमिकता दी जा सके और द्विअर्थी या अपमानजनक कंटेंट को रोका जा सके।

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May 29, 2025
Ahaan News

बैठकी ~~~~~~ कैसा सामाजिक और पारिवारिक न्याय जी!!

हं काकाजी,सुननीहां जे लालू के छोटका तेजस्वीया के लड़िका भईल बा।--मुखियाजी सोफे पर पैर फैलाते हुए।


मुखियाजी, सामाजिक न्याय की बैसाखी कितनी शानदार , जानदार रही है कि उसके सहारे राजद सुप्रीमो,लालू यादव और उनकी ठेपाछाप पत्नी राबड़ी देवी, दोनों बिहार के मुख्यमंत्री रह चूके हैं। इतना हीं नहीं, बैसाखी ने चपरासी के क्वार्टर से उठाकर उनके परिवार को आज खरबपतियों की गिनती में ला खड़ा किया है। आजकल बिहार की राजनीति में ये परिवार फिर से सुर्खियों में है।--बैठकी जमते हीं उमाकाका मुस्कुराये।

हं काकाजी,सुननीहां जे लालू के छोटका तेजस्वीया के लड़िका भईल बा।--मुखियाजी सोफे पर पैर फैलाते हुए।

चलिये, इसके लिए लालू परिवार को शुभकामनाएं लेकिन उससे पहले लालूजी के बड़े लड़के ने सोसल मीडिया पर फोटो के साथ एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें तेज प्रताप यादव ने स्पष्ट किया कि वो विगत 12 वर्षों से अनुष्का यादव के साथ रिलेशनशिप में हैं। खबर वायरल होने के बाद लालू यादव ने अपने इस बड़े बेटे को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित हीं नहीं किया है बल्कि सोशल मीडिया पर लिखा कि "निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि,लोकआचरण तथा गैरजिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूॅं। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।" इन्होंने आगे लिखा है कि"लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूॅं।" 
भला बताइये! लालूजी की ओर से ऐसी बातें!! जबकि उनके मुख्यमंत्री काल में उनके जंगल राज से कौन नहीं वाकिफ है!! इनके जंगल राज में और सब की बात छोड़िये!खेत वाला किसान तक,रात को खेत की रखवाली करने से भी डरता था कि कहीं अपहरण ना हो जाय या हाथ का टार्च ना कोई छीन ले! जहां तक पारिवारिक संस्कार की बात है इनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव एक ईसाई से विवाह किया है जिसका नाम रेचल गोडिनो है जिसे बदलकर राजश्री यादव कर दिया गया है ताकि लोग ये समझें कि लालू की छोटी बहु यादव परिवार से हीं आती है। मैं इसे बुरा नहीं मानता बल्कि खुशी है कि दुसरे संप्रदाय की लड़की को इन्होंने बहु बनाया। खींज इस बात कि है कि इसे छुपाने के लिये बहु का नाम क्यों बदला!!--मास्टर साहब मुंह बनाये।

शायद विवाह के पूर्व रेचल ने धर्म बदलकर हिंदू  बन गई हो इसलिये नाम भी हिंदू रख दिया गया। इसके लिए मैं लालू परिवार पर कॉमेंट नहीं चाहुंगा। हां इतना जरूर देखा गया है कि जिन राजनीतिज्ञों ने ईसाई से विवाह किया है वे सनातन विरोधी मानसिकता जरुर पाल लिये हैं जैसे दक्षिण भारत का स्टालिन परिवार।।--उमाकाका बोल पड़े।

इसबीच बेटी चाय का ट्रे रख गई और हमसभी एक एक कप उठाकर पुनः वार्ता में........

अजी,आज लालू यादव जिस नैतिकता की बात कर रहे हैं वो लालू राज में गुंडाराज,चारा घोटाला, बेनामी अवैध संपत्ति, नौकरी के बदले जमीन घोटाला, आदि करते वक्त नैतिकता और पारिवारिक संस्कार कहां छुप गये थे!!--कहकर डा.पिंटु बुरा सा मुंह बनाये।

सरजी, तेज प्रताप यादव का विवाह, भूतपूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पोती ऐश्वर्या राय से 2018 में हुई थी लेकिन आज दोनों के बीच तलाक का मुकदमा चल रहा है। तेज प्रताप के सोशल मीडिया पर यह स्वीकार करने के बाद कि विगत 12 वर्षों अर्थात 2013 से हीं अनुष्का यादव के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था तो ऐश्वर्या राय भी मिडिया के समक्ष आकर अपना दर्द साक्षा की और बोली कि "अब सबकुछ जाहिर हो गया तो मैं पुछती हूॅं कि इन लोगों को सब मालूम था तो मेरा विवाह करके मेरी जिंदगी क्यों बर्बाद किया गया!! मुझे मारा पीटा जाता था तब इन लोगों का सामाजिक न्याय कहां चला जाता था!! ऐश्वर्या राय ने आरोप लगाया है कि बिहार में चुनाव आने वाला है इसीलिए ये लोग ड्रामा कर रहे हैं। सभी मिले हुए हैं।"--सुरेंद्र भाई हाथ चमकाये।

मुखियाजी, अधिकांश लोग तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से निष्कासित करने को नौटंकी की संज्ञा दे रहे हैं। लालू यादव के साले सुभाष यादव भी स्वीकार करते हैं कि लालू परिवार को तेज प्रताप के पहले से अनुष्का के साथ चल रहे प्रेम प्रसंग की जानकारी नहीं होगी, ये मैं नहीं मानता। वहीं अनुष्का यादव का भाई आकाश यादव भी मिडिया के सामने आकर स्वीकार किया है कि मेरी छोटी बहन के साथ तेज प्रताप का रिश्ता चला आ रहा है। वो भी तेज प्रताप के विरुद्ध एक्शन को लेकर,लालू यादव को घर बर्बाद नहीं करने की चेतावनी दे रहा है।--कुंवरजी अखबार पलटते हुए।

अच्छा सरजी,इ बतायीं जे तेज प्रताप के लेके लालू परिवार में जेवन विवाद उठल बा,ओकर आवे वाला बिहार चुनाव में केवनो असर होखी कि ना!!--मुखियाजी मेरी ओर देख कर।

मुखियाजी, लालू परिवार यह जानते हुए भी कि तेजप्रताप का पहले से प्रेम प्रसंग है, ऐश्वर्या राय से विवाह करके जघन्य अपराध किया है। यादव की बेटी की हत्या से भी बड़ा दुष्कर्म है लेकिन ये बिहार है। मूर्ख और मूढ़ बिहार!! बिहार के चुनाव में अब मात्र चार महीने शेष हैं। इस समय लालू परिवार द्वारा एक यादव युवती को धोखा और शोषण करने का प्रकरण सामने आने पर, इसका कोई खास प्रभाव पड़ेगा!!मैं नहीं समझता। जहां तक मुझे जानकारी मिली है, तेज प्रताप का नाम एक तीसरी लड़की नीतु सिन्हा से भी जुड़ा है जिसे लालू प्रसाद भी पसंद करते थे।हां, विपक्षियों खासतौर पर जदयू और भाजपा को लालू प्रसाद यादव और उनके वंशवादी पार्टी पर हमलावर होने का एक अवसर जरुर मिला है। 
क्या बिहार वाले लालू के जंगल राज को नहीं झेलें हैं!! इनके विभिन्न घोटालों को सभी जानते हैं। ये चारा घोटाला में सजायाफ़्ता भी हैं तब भी इनकी पार्टी पिछले चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी रही। इनका छोटा बेटा तेजस्वी यादव,जो नवीं पास भी नहीं है लेकिन दो बार उप मुख्यमंत्री रहा और विपक्ष का नेता है। ये सब बिहार की राजनीति को दर्शाता है जो राजनीतिक नेतृत्व की योग्यता,चरित्र,या पारिवारिक संस्कार, संस्कृति पर निर्भर नहीं करता जितना जातिय और धार्मिक समिकरण पर! बिहार की जनता को नेताओं में लाख बराई दिखेगी लेकिन वोट जातिगत और धार्मिक आधार पर हीं देती आयी है। राजद से जुड़े यादव तो लालू परिवार को छोड़कर दुसरे को वोट नहीं देंगे जबकि राज्य के मुस्लिम वोटर तुष्टीकरण की नीति को ध्यान में रखकर हीं वोट करते हैं। लालू की राजद और कांग्रेस को मुसलमानों का शत-प्रतिशत मत मिलना हीं है। चुनाव में तेज प्रताप के वैवाहिक और प्रेम प्रसंग से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। हां खुद लालू परिवार में वर्चस्व का जो द्वंद्व दोनों भाईयों में दिखता रहा है उसका जरुर कुछ प्रभाव पड़ सकता है।--मैं चुप हुआ।

ठीक है, बिहार में जातिवादी राजनीति का बोलबाला रहा है लेकिन इस बार बिहार के चुनाव में एनडीए को लालू को बदनाम करने का एक अवसर जरुर मिला है। वैसे हाल में हुए आप्रेशन सिंदूर का प्रभाव भी चुनाव में दिख सकता है जिसका लाभ एनडीए को मिलेगा हीं इसमें दो मत नहीं। दुसरी बात कि पार्टी से तेज प्रताप को बाहर करने का निर्णय सही साबित होगा! ये मैं नहीं मानता। तेज प्रताप अपना राजनीतिक अस्तित्व बनाये रखने के लिए भले हीं राजद के विरुद्ध जाना हो, जायेंगे हीं जायेंगे, ऐसा मेरा मानना है तो स्वाभाविक है राजद को नुकसान होगा हीं। वैसे देखिये अभी चुनाव में चार महीने का समय है। राजनीतिक दिशायें कब रुख बदलेंगी कौन जानता है।अच्छा आज इतना हीं , चला जाय।--कहकर डा. पिंटू उठ गये और इसके साथ हीं बैठकी भी....!!!!!
 

आलेख - लेखक


प्रोफेसर राजेंद्र पाठक (समाजशास्त्री)

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May 28, 2025
Ahaan News

बैठकी ~~`~ "पाकिस्तान आतंकवाद जारी रखेगा"

इसबीच बेटी चाय का ट्रे रख गई और हमसभी एक एक कप उठाकर पुनः वार्ता में..........


सरजी, मेरे ख्याल से "फील्ड मार्शल" की उपाधि या पद,युद्ध के दौरान असाधारण परिस्थितियों में प्रदर्शित किये गये विशेष क्षमता, सूझ-बूझ, साहस या शौर्य के पश्चात हीं प्राप्त होता है। लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के पश्चात जब भारत ने आप्रेशन सिंदूर लॉन्च किया तो पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष असीम मुनीर जो अपने सैनिकों को, काफिरों का अंत करने के लिए कुरान की आयतों की शिक्षा दिया करते थे, उनका जब भारत के शूरवीरों से पाला पड़ा तो खबर ये आने लगी कि ये बकरा डर के मारे,किसी बंकर में दुम दबाकर छिपा बैठा था।
इसके आप्रेशन सिंदूर के भय से बंकर में छुपने के शौर्य पूर्ण करतब के लिए, पाकिस्तान सरकार ने इस काबिल सेनाध्यक्ष को "फिल्ड मार्शल" के पद पर सुशोभित किया है।--बैठते हीं हंसते हुए,मास्टर साहब ने मुद्दा रख दिया।

मास्टर साहब, पाकिस्तान में फिल्ड मार्शल बनने की कहानी बिलकुल एक जैसी है। इस मुनीर के फिल्ड मार्शल बनने के पहले एक मात्र फिल्ड मार्शल, सैन्य शासक अयुब खान थे। जो 1959 में सत्ता पर कब्जा करने के बाद खुद हीं खुद को फिल्ड मार्शल के शीर्ष रैंक पर सुशोभित कर लिया था।--उमाकाका हाथ चमकाये।

काकाजी,इ पकिस्तनिया कुल, झूठ फरेब बोले में पीएचडी के डिग्री लेले बाड़न स। तबे नु अतना पिटइला के बादो,पीठ झारके कहतारे से जे हम जीतलबानी।--मुखियाजी खैनी मलते हुए।

इसबीच बेटी चाय का ट्रे रख गई और हमसभी एक एक कप उठाकर पुनः वार्ता में..........

मुखियाजी, पाकिस्तान में असली शासन तो सेना का है प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उसकी पार्टी तो इसी मुनीर के रहमो-करम पर सत्ता में आई है। जैसा मुनीर चाहता है वही वहां की सरकार करती है। वहां की सरकार और सेना, दोनों ने मिलकर जनता को गुमराह करने का काम किया है। संभवतः इसी झूठ को  सच साबित करने के लिए कि हमने भारत को हरा दिया है, इस खुशी में सेनाध्यक्ष मुनीर को,फिल्ड मार्शल का पद दिया गया हो। लेकिन आज का युग डिजिटल है। पाकिस्तानी भी समझ गये हैं कि भारत ने मुनीर की पहलगाम शाजिस का बदला, आतंकियों के अड्डों पर स्ट्राइक करके 100 से अधिक आतंकियों को जहन्नुम भेजकर, पाकिस्तान के डिफेंस सिस्टम और 9 एयरबेस के साथ साथ उसके कई सैन्य विमानों को उड़ाकर ले लिया है।--डा. पिंटू भी हाथ चमकाये।

जानते हैं मुखियाजी!जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहन अपने भाई से मिलकर जेल के बाहर आकर बोली कि मेरा भाई कह रहा था कि आर्मी चीफ जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल नहीं सीधे राजा घोषित कर देना चाहिए था क्योंकि इस देश में जंगल कानून चल रहा है और जंगल में एक हीं राजा होता है। यही इमरान खान का तंज कसा हुआ वक्तव्य  22 मई को एक्स पर भी दिखा।--सुरेंद्र भाई हंसे।

अपने को फील्ड मार्शल घोषित करवाने के पिछे मुनीर के कई मकसद हैं। अगर सत्ता पर से मुनीर की पकड़ खत्म हो जाती है और उसके उपर भविष्य में "आप्रेशन सिंदूर" को लेकर सवाल उठते हैं तो उसे ये फील्ड मार्शल का पद, किसी भी सजा से बचा लेगा। दुसरी बात की आजीवन इस ओहदे का वेतन और सुविधाएं भोगता रहेगा। भले हीं भिखमंगे पाकिस्तान का कर्जे का हीं पैसा क्यों न हो।--उमाकाका बोल पड़े।

इसमें तो दो मत नहीं कि मुनीर ने ये पद अयुब खान की तरह खुद हीं हासिल किया है लेकिन जनता का भरोसा कायम रखने के लिए इसे शहबाज सरकार द्वारा घोषित करवाया गया है। लेकिन इतना तो मानना पड़ेगा कि सेना और सत्ता, दोनों में मुनीर का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। अब भारत को सोचना है कि इसका दूरगामी प्रभाव हम पर क्या पड़ेगा!!--कुंवरजी अखबार पलटते हुए।

कुंवर जी, पहली बात कि असीम मुनीर एक जिहादी व्यक्ति है जो स्वयं कहता है कि हम अपनी सेना को इस्लाम की शिक्षा देते हैं खासकर इस्लामिक क्रुरता, हिंसा से जुड़े फंडामेंटलिज्म। अर्थात पाकिस्तानी सेना और आतंकवाद एक दुसरे के प्रयाय हैं। मुनीर को फ़ील्ड मार्शल बनाने का तात्पर्य पाकिस्तानी सेना का नेतृत्व जिहादी सर्वोच्च सेनापति के हाथों हीं रहेगी। भविष्य में भी पाकिस्तान आतंकवाद की निर्मामस्थली, शरणस्थली और निर्यातस्थली बनी रहेगी। समझिये कि फील्ड मार्शल बना मुनीर,अब भारत के खिलाफ और उग्र बातें करने को अधिकृत हो गया है।--मैं भी बहस में।

सरजी,देख रहे हैं न! आप्रेशन सिंदूर के बाद देश के भीतर कैसी-कैसी प्रतिक्रियायें दिख रहीं हैं!! चाहे विपक्षी राजनीतिक पार्टियां हों या भारत में रहकर, भारत का खाकर मजहबी गुलामों की कारगुजारियां हों!भारत से बाहर के दुश्मन चाहे पाकिस्तान हो या चीन,या बंगलादेश हो , इससे तो हमारी बहादुर सेना निपट लेगी लेकिन घर के भीतर के दुश्मनों से निपटना बहुत हीं जटिल है। ये पाकिस्तान यदि बड़ी बड़ी बातें करता है तो इस विश्वास पर कि भारत के भीतर हीं उसके शुभचिंतक भरे पड़ें हैं। --डा.पिंटु मुंह बनाये।

जो भी हो, भारत के एयर स्ट्राइक से जहन्नुम में गये आतंकियों के शवों को जिस तरह पाकिस्तान के झंडे में लपेटकर, शहीद का दर्जा देते पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तानी सेना नजर आये, उससे तो साफ है कि पाकिस्तान अपने स्वभाव को बदलने वाला नहीं। उपर से आतंक और जिहाद प्रेमी,असीम मुनीर का प्रोमोट होकर "फील्ड मार्शल" बनना भी इस बात का सबुत है कि पाकिस्तान और आतंकवाद का चोली दामन का संबंध इस "आप्रेशन सिंदूर" से टुटने वाला नहीं। भारत सरकार को अन्य ऑप्शंस भी ढुंढ़ने होंगे। अच्छा अब चला जाय।-- कहकर मास्टर साहब उठ गये और इसके साथ हीं बैठकी भी......!!!!!


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May 28, 2025
Ahaan News

बैठकी ~~~~~~ अंतरराष्ट्रीय वैद्यता महत्वपूर्ण या आंतरिक

बाकी इ डेलिगेशन तैंतीसे देशवन में काहे!!--मुखियाजी फिर पुछे।


सरजी, आप्रेशन सिंदूर और पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेपर्दा करने के उद्देश्य से देश के 59 सांसदों को परसो से 33 देशों में भेजा जा रहा है। 59 सांसद 7 सर्वदलीय टीमों में बंटें हैं। इन सांसदों का अभियान,पाकिस्तान को बेपर्दा करने और उसके आतंकवादी प्रवृत्ति को दुनिया के सामने उजागर करने का मोदी प्लान है जिसका हर हिंदुस्तानी समर्थन करता है ऐसा नहीं है।इसको लेकर भी विपक्षियों के पेट में मरोड़ उठ रही है।--मास्टर साहब बैठकी जमते हीं मुद्दा रख दिये।

ठीक बोले मास्टर साहब, सांसदों के डेलिगेशन भेजने पर सवाल खड़े किये जा रहें हैं। पाकिस्तान के मिडिया में हेड लाइन बनने का स्टंट खेला जा रहा है। अब कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश को हीं लिजिये, कहते हैं कि " ये विदेशों में डेलिगेशन भेजना,सरकार का अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने का एक स्टंट है जिसमें मोदीजी, मास्टर माइंड हैं।जो असली मुद्दे हैं उसपर मोदी सरकार,संसद में,सर्वदलीय बैठक में चर्चा नहीं करायेंगी।
अब प्रश्न उठता है कि भारत के इस सर्वदलीय डेलिगेशन पर सवाल उठाकर विपक्ष, पाकिस्तान का हित साधने में क्यों तत्पर है!!--डा.पिंटु ने सही कहा।

डा. साहब, कांग्रेस से कोई पुछे कि क्यों तुम्हारे नेता राहुल गांधी तो जब भी विदेश का दौरा करते हैं तो मोदी विरोध करते करते भारत का हीं विरोध शुरू कर देते हैं, देश विरोधी वक्तव्य देने लगते हैं!! 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के पश्चात कांग्रेस ने तो मोदी सरकार की तरह "आप्रेशन सिंदूर" जैसी तो नहीं, हां "आप्रेशन मजबूर" जरुर लॉन्च किया था।पाकिस्तान को सबक सिखाने की हिम्मत तो नहीं कर सकी लेकिन उसने भी पाकिस्तानी आतंकवाद को लेकर सर्वदलीय डेलिगेशन विदेशों में भेजा था तो वो क्या था। वो तो सच में ध्यान भटकाने वाला साबित हुआ था।--उमाकाका हाथ चमकाये।

काकाजी, शुक्र रहल जे 26/11 के मुंबई आतंकी हमला में आतंकवादी कसाब जिंदा पकड़ा गईल। मुसलमान होके कसाब, हिंदू धर्म के रक्षासूत्र कलाई में बंधले रहे ताकि कसाब के लाश के कलाई में रक्षासूत्र देखके कांग्रेस साबित कर सके जे इ हमला पाकिस्तानी भा मुस्लिम आतंक ना "भगवा आतंकवाद" रहल हा।--मुखियाजी सफेद मूंछों पर हाथ फेरते हुए।

मुखियाजी, अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लिखा है कि "26/11 मुंबई हमले के बाद मनमोहन सिंह (असल में सुपर पीएम-सोनिया गांधी), पाकिस्तान पर कार्रवाई करने से इसलिये बच रहे थे कि इससे मुस्लिम विरोधी भावनायें बढ़ने से बीजेपी की ताकत बढ़ सकती है।"
मतलब साफ है! कांग्रेस को देश से अधिक सत्ता की मलाई से मतलब रहा है। इसी कांग्रेस के मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है जबकि कांग्रेस, धार्मिक आधार पर मुस्लिमों को पाकिस्तान दे चूकी है। लोग ठीक कहते हैं कि कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम पार्टी है।--कुंवरजी अखबार पलटते हुए।

अच्छा सरजी, मोदीजी के सर्वदलीय सांसद डेलिगेशन, विदेश भेजला के का औचित्य बा!!--मुखियाजी मेरी ओर देखकर।

मुखियाजी,आज के समय में युद्ध में जीतने के साथ साथ वैश्विक स्तर पर कुटनीतिक स्पष्टता और नैरेटिव का महत्व बहुत बढ़ गया है। मौजूदा दौर में धारणाओं के युद्ध का विषेश महत्त्व है। इस डेलिगेशन के माध्यम से भारत विश्व को स्पष्ट संदेश देगा कि "आप्रेशन सिंदूर" सिर्फ विजय के लिये लड़ा गया युद्ध नहीं था बल्कि दशकों से आतंकवाद से पीड़ित मुल्क का, आतंकवाद की जन्मस्थली,शरणस्थली एवं निर्यातस्थली के गंभीर उकसावे के उत्तर में एक सुनियोजित सैन्य कार्रवाई थी।--मैं चुप हुआ।

लेकिन सरजी, पाकिस्तान से भी बड़ा और खतरनाक पाकिस्तान, भारत में है। अन्य तो हैं हीं लेकिन इसी कैटेगरी में कांग्रेस और विपक्षी भी हैं जिनके स्टेटमेंट, पाकिस्तान के हित में होते हैं। भारत सर्वदलीय सांसदों का डेलिगेशन, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की करतुतों को विश्व के समक्ष उजागर करने के लिए भेज रहा है वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर जो निंदा प्रस्ताव पेश किया गया उसमें पाकिस्तान एक क्लाज डलवाने में सफल हो गया कि "आतंकियों ने धर्म पुछकर नहीं मारा....।" इसके लिए पाकिस्तान ने इन विपक्षियों के 12 नेताओं के ट्वीट्स और विडियो को सबुत के तौर पर दिखाया। जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बिहार की लालू पार्टी राजद और अन्य विपक्ष के नेताओं के बयान शामिल थे। इसके बाद चीन ने यह क्लाज, संयुक्त राष्ट्र संघ के निंदा प्रस्ताव में से हटवा दिया।
अब सोचिये! भारत का विपक्ष कितना हिंदू विरोधी, राष्ट्रद्रोही और गद्दार है!!--सुरेंद्र भाई मुंह बनाये।

अच्छा इ बतायीं जे भारत सरकार, सर्वदलीय डेलिगेशन काहे भेजतीया! भाजपा खाली आपन योग्य सांसद के भेजीत!!--मुखियाजी प्रश्न किये।

मुखियाजी, सर्वदलीय डेलिगेशन विदेशी सरकारों और रणनीतिक समूहों के समक्ष यह दिखलाता है कि यह एक गंभीर विचारों के आदान-प्रदान करने का  समग्रतापूर्ण प्रयास है जिसे देश के संपूर्ण राजनीतिक विचारधारा का समर्थन प्राप्त है। ये डेलिगेशन,सत्ताधारी से लेकर विपक्ष तक, राष्ट्रीय दलों से लेकर क्षेत्रीय दलों तक का प्रतिनिधित्व करता है। इससे ये साबित किया जाता है कि इस प्रतिनिधिमंडल को सभी भारतवासियों के प्रतिनिधि के तौर पर देखा जाय, सिर्फ भारतीय सत्ताधारी के रूप में नहीं। इसलिये सर्वदलीय डेलिगेशन, एक अच्छी कूटनीतिक सोंच और वैश्विक और आंतरिक स्तर पर सुंदर शासन कला है।--मैं चुप हुआ।

बाकी इ डेलिगेशन तैंतीसे देशवन में काहे!!--मुखियाजी फिर पुछे।

मुखियाजी, भारत ने उन्हीं देशों को प्राथमिकता दी है जो वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी या अस्थायी सदस्य हैं और ये वैश्विक सुरक्षा और आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर अहम् भूमिका निभाते हैं तथा भारत के रणनीतिक साझेदार हैं या भारत के साथ उनके आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक संबंध हैं। इन देशों को पाकिस्तान के आतंकवादी समर्थन के विरुद्ध ठोस सबूत और दृष्टिकोण से अवगत कराना है। मोटे तौर पर मुखियाजी, खास देशों में डेलिगेशन भेजने का लक्ष्य,उन देशों का वैश्विक और क्षेत्रीय मंचों पर प्रभावशाली होना है ताकि पाकिस्तान को बेनकाब करने के साथ साथ अपनी कूटनीतिक स्थिति को मजबूत किया जाय।--कुंवरजी अखबार रखते हुए।

कुछ भी हो,भले हीं हम पाकिस्तान जैसे दुश्मन को सैन्य बल में या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीत कर दें लेकिन आजादी के बाद से हीं देश के भीतर बना घाव आज नासूर बन चूका है। जिसके पोषक और संरक्षक भी खुलेआम कुलांचे भर रहे हैं। ऐसे राष्ट्र और सनातन विरोधियों से निपटना जटिलतम होता जा रहा है। भारत के भीतर हीं कितने पाकिस्तान और पाकिस्तानी भरे पड़े हैं और हमारे हीं पैसों पर मजे की रोटी तोड़ते हुए, हमें हीं नष्ट करने में दिन-रात लगे हैं। इनसे कैसे निपटा जाय!! मोदी को ये भी सोचना होगा और वो भी उस स्थिति में जब खुद अपने हीं, षड्यंत्रकारियों से गलबहियां खेल रहें हों। ये आज सबसे बड़ा मुद्दा है। खैर, देखिये आगे क्या होता है!अब तो सिर्फ ईश्वर हीं जानता है भारत और सनातनियों का भविष्य क्या होगा !! अच्छा अब चला जाय। कहकर मास्टर साहब उठ गये और इसके साथ हीं बैठकी भी......!!!!!


आलेख - लेखक


प्रोफेसर राजेंद्र पाठक (समाजशास्त्री)

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
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May 19, 2025
Ahaan News

लिटेरा पब्लिक स्कूल ने हर्ष और श्रद्धा के साथ मनाया मातृ दिवस

विद्यालय की निर्देशिकाएं श्रीमती ममता मेहरोत्रा, श्रीमती श्रुति मेहरोत्रा एवं श्री अशुतोष मेहरोत्रा की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक गौरवपूर्ण बनाया

पटना : लिटेरा पब्लिक स्कूल ने मातृ दिवस बड़े ही उत्साह, प्रेम और कृतज्ञता के साथ मनाया। यह अवसर माननीय मुख्य अतिथि श्री प्रणव कुमार, आईएएस, सचिव, गृह विभाग की गरिमामयी उपस्थिति से और भी विशेष बन गया। साथ ही, विद्यालय की निर्देशिकाएं श्रीमती ममता मेहरोत्रा, श्रीमती श्रुति मेहरोत्रा एवं श्री अशुतोष मेहरोत्रा की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक गौरवपूर्ण बनाया।


कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों—गीत, नृत्य, नाटक और कविताओं—ने माताओं के प्रति हार्दिक श्रद्धा और सम्मान को भावपूर्ण ढंग से प्रकट किया। एक जादू का कार्यक्रम ने सभी को रोमांचित किया और आनंदित कर दिया। साथ ही, माताओं और छात्रों के लिए आयोजित संवादात्मक खेल और गतिविधियाँ पूरे आयोजन का विशेष आकर्षण रहीं, जिन्होंने उनके बीच के रिश्ते को और भी प्रगाढ़ बनाया।


श्री प्रणव कुमार ने विद्यालय द्वारा पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की और विद्यार्थियों की प्रतिभा व उत्साह की प्रशंसा की। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और माताओं के प्रति सम्मानपूर्ण अभिव्यक्ति के साथ हुआ, जो सभी के लिए एक अविस्मरणीय स्मृति बन गई।
 

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
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