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July 22, 2025
Ahaan News

काॅरपोरेट हो गया भारत सरकार, उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से लिया गया इस्तीफा के साथ कई राज्यों और व्यक्तियों पर रहेगा निशाना

चुनावों में जीत के हिसाब से तय हो रहा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जैसे पदों पर भर्ती होने वाले व्यक्ति

भक्त होना इतना भी आसान नहीं, दिल और दिमाग गिरवी रखना पड़ता है और जमीर भी। 

जगदीप धनखड़ होना आसान नहीं होता हैं पढ़ा - लिखा और व्यक्तित्व का धनी होकर भी गुलामी मानसिकता से ग्रस्त यह आसान सफ़र नहीं था। जगदीप धनखड़ तब सुर्खियों में आये जब यह बंगाल के राज्यपाल बने और बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लड़ने लगे थे जैसे विपक्ष में बैठे हो। ममता बनर्जी की साख गिराने में नरेंद्र दामोदर दास मोदी सरकार को खुब मदद किया और इसका परिणाम मिला की बंगाल में 2021 में हुई विधानसभा चुनाव में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा की सीटें मिली और बढ़त भी प्राप्त किया, भाजपा यानी BJP ने। जिसके बाद जगदीप धनखड़ को भारत के दुसरे नागरिक होने का गौरव प्राप्त हुआ और 2022 में उप-राष्ट्रपति, भारत का पद सौंपा गया। हां संविधान के तहत एक खानापूर्ति के लिए प्रक्रिया जरूर हुआ लेकिन वह महज़ एक दिखावा ही था। 

जगदीप धनखड़ उप-राष्ट्रपति पद पर बैठने के साथ ही भारत के सभी प्रमुख संवैधानिक संस्थाओं पर सीधे टिका-टिप्पणी करना शुरू कर दिया। पेशेवर वकील होते हुए राजनीतिक दलों के साथ मिलकर सदन के सदस्य लंबे समय से रहे हैं। जगदीप धनखड़ विधानसभा, लोकसभा और केन्द्रीय मंत्रीमंडल के भी सदस्य रहें हैं और राज्यपाल के बाद उप-राष्ट्रपति का पद संभालते हुए विदाई कल देर शाम लें ली। अपने इस्तीफे में राष्ट्रपति भारत को स्वास्थ्य कारण बताया हैं लेकिन कुछ समयों में किसान को लेकर गंभीरता दिखा रहे थे वह भी दबाव का कारण हो सकता हैं। भारत के केन्द्रीय कृषि मंत्री के सामने अपने आपको भारत का दुसरा व्यक्ति होने के नाते किसानों के साथ किए गए वादे पूरे करने की ओर ध्यान आकर्षित किया था।

आपको जानना चाहिए कि बिहार चुनाव की तारीखें घोषित होने ही वाली है और अगले 30-40 दिनों के अंदर ही बिहार में चुनाव की तारीखें घोषित कर दिया जाएगा। जिसके कारण बिहार में गठबंधन के साथी नीतीश कुमार को कमजोर करने के कई नीतियों पर काम करने को तैयार भाजपा जगदीप धनखड़ के माध्यम से नीतीश कुमार को कुछ संदेश देने का भी काम कर दिया है। वहीं ज्ञात हो कि जगदीप धनखड़ के इस्कुतीफे के माध्यम से नीतीश कुमार का उच्च सदन में जाने का सपने के सहारे भाजपा को मजबूत करने का हो सकता है प्रयास। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार कहा है कि भारत के सभी सदन का सदस्य रहे चुका हूं और बस उच्च सदन में आना सपना है। वहीं कहीं नीतीश कुमार के लिए खाली तो नहीं कराया गया उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से पद और लिया गया इस्तीफा?

वहीं भाजपा में अपना दबदबा बनाये रखने के लिए वर्तमान सत्ता जिनके उम्र को लेकर बनाये गए नियम खुद के लिए काल बन गया है। वहीं अगर भाजपा को कमजोर कर संभालते दिखाने के रास्ते पर सत्ताधारी कामयाब हो जाते हैं तो प्रधानमंत्री की कुर्सी सुरक्षित रख सकते हैं। 

वैसे नीतीश कुमार के कुछ महीनों से हरकतें यह बतलाती हैं कि उनका राज्यसभा में ले जाना उच्च सदन के संचालन पर बड़ा प्रभाव पर सकता हैं। उच्च सदन को रोजाना चलाना वर्तमान परिस्थितियों में जिसमें नीतीश कुमार स्वस्थ्य नहीं दिखाई देते हैं जिससे परेशानी हो सकती हैं। तो वहीं चंद दिनों के लिए नीतीश कुमार के राजनीतिक अंतिम पद पर बैठाकर दुसरे के माध्यम से उच्च सदन का संचालन कराया जा सकता हैं। नीतीश कुमार का उप-राष्ट्रपति पद पर बैठना एक राजनीतिक षड्यंत्र होगा और अगले दो वर्षों में उप-राष्ट्रपति चुनाव तक में कई चेहरे इस पद पर दिखाई दे सकते हैं।

उपराष्ट्रपति पद के लिए लगातार कई नाम आने लगे हैं लेकिन राजनीतिक चरित्र चुनावी माहौल में एक से अधिक लोगों का दावेदार के रूप में नाम सामने आने लग हैं। जिसमें - डीवाई चंद्रचूड़, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली, भारत। वर्तमान उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के माध्यम से भूमिहार ब्राह्मण और ब्राह्मण को बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल चुनाव को लेकर आगे लाया जा सकता हैं। वहीं कांग्रेस युक्त भाजपा में भी कई महत्वपूर्ण उम्मीदवार हैं जो गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक क्षेत्रों में आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण होंगे इसलिए दो साल उप-राष्ट्रपति पद राजनीतिक खेल का अड्डा बना रहेगा ऐसा ही लक्षण दिखाई देता है।

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
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July 17, 2025
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प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने रोगी हितधारक मंच के साथ की समीक्षा बैठक

-फाइलेरिया मरीजों के लाइन लिस्ट को आईएचआईपी में प्रविष्टि कराने को कहा

-एमएमडीपी क्लीनिक खोलने का भी दिया निर्देश

वैशाली - प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हाजीपुर में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय दास के अध्यक्षता में रोगी हितधारक मंच की समीक्षा बैठक की गई। समीक्षा बैठक के दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा सीएचओ और रोगी हितधारक मंच के सदस्यों से उनके द्वारा किए गए कार्यों और प्रगति के बारे में जाना। मौके पर थाथन एचडब्ल्यूसी के सीएचओ और रोगी हितधारक मंच के सदस्य मुकेश चाहर ने बताया कि पहले हम लोगों के द्वारा जो गतिविधि या स्वास्थ्य चर्चाएं करते थे, उनमें फाइलेरिया बीमारी को शामिल नहीं करते थे। 

रोगी हितधारक मंच के बनने के बाद से अपने केंद्र पर एमएमडीपी प्रशिक्षण और किट वितरण किया गया। स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम किये अब जो गतिविधि करते हैं। वेलनेस कैलेंडर में जो एक्टिविटी करनी है हर महीने में उसमें भी बहुत सहयोग मिलता है। वहीं एएनएम पुष्पा कुमारी ने बताया कि अब टीकाकरण में भी फाइलेरिया या कालाजार के बारे में भी जानकारी देते हैं। 

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा सभी उपस्थित रोगी हितधारक मंच के सदस्यों को बताया कि वे अपने यहां फाइलेरिया मरीजों का लाइन लिस्ट तैयार कीजिए आईएचआईपी में एंट्री करवाएं। उसके बाद सभी को अपने सेंटर पर एमएमडीपी क्लीनिक खोलना होगा। जिसमें मंगलवार के दिन फाइलेरिया मरीजों को व्यायाम सिखाया जाएगा और एमएमडीपी किट की जरूरत है उनको दिया जाएगा। समीक्षा बैठक में बीएचएम, बीसीएम, बीएचआई, आशा फैसिलिटेटर सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।
 

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
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July 17, 2025
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डायरिया को नियंत्रित करने जिले में चलेगा “ स्टॉप डायरिया कैम्पेन”

-पांच वर्ष के लगभग 6 लाख बच्चों को किया गया है चिन्हित -ओआरएस के पैकेट किए जाएंगे वितरित

वैशाली - सदर अस्पताल में गुरुवार को सिविल सर्जन डॉ श्याम नंदन प्रसाद के द्वारा स्टॉप डायरिया कैंपेन 2025 का उद्घाटन किया गया. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी वैशाली द्वारा बताया गया कि स्टॉप डायरिया कैंपेन 2025 हेतु 15 जुलाई से 14 सितंबर तक जिले के कुल 6,09,08,1 लक्षित बच्चों को लगभग 7 लाख घरों में आशा कार्यकर्ता द्वारा भ्रमण कर ओआरएस पैकेट वितरित किया जाएगा एवं डाईरिया से पीड़ित बच्चों को चिन्हित कर ओआरएस एवं जिंक की गोली उपलब्ध करायी जाएगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान परिपेक्ष में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कुल मृत्यु का लगभग 10% मृत्यु डायरिया से होती है. जिसका मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है. 

इन मृत्यु को ओआरएस एवं जिंक के उपयोग से कम किया जा सकता है. कैंपेन की सफलता हेतु पूर्व में कार्य योजना बनाई जा चुकी है. आशा द्वारा घर-घर भ्रमण कर घर के सदस्यों को घोल तैयार करने की विधि साफ-सफाई एवं हाथ धोने के तरीकों की जानकारी प्रदान की जाएगी. अभियान के दौरान सभी घरों में दो माह से 6 माह के बच्चों को जिंक की आधा गोली और 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली 14 दिनों तक दिया जाना है. सदर अस्पताल परिसर में ओआरएस कॉर्नर लगाया गया है, जिसमें 5 वर्ष तक के बच्चों के अभिभावक को ओआरएस घोल तैयार करने की विधि बताई गई. 

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी वैशाली ने घोल तैयार करने का तरीका बताया एवं वहां उपस्थित बच्चों और उनके अभिभावकों को दो-दो पैकेट ओआरएस उपलब्ध कराया गया. उद्घाटन के समय डॉ संजय दास जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डॉ रतन प्रकाश अधीक्षक सदर अस्पताल, डॉ राजेश किशोर साहू जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी, डीपीएम डॉ कुमार मनोज, डीसीएम निभा रानी, यूनिसेफ की एसएमसी मधुमिता कुमारी, मोहम्मद जकी अहमद, रणधीर कुमार, शशि रंजन एवं अजीत रंजन सहित अन्य पदाधिकारी सहित सभी स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
 

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July 17, 2025
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भगवानपुर और चेहराकला के दो बच्चों को अहमदाबाद में मिलेगी नई जिंदगी

-अब तक जिले के 139 बच्चों को मिल चुका है जीवनदान

-बुधवार को सदर अस्पताल श्री सत्य साईं अस्पताल किया गया रवाना

वैशाली - मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना जिले के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। 139 बच्चों की सफल सर्जरी के बाद बुधवार को सदर अस्पताल से भगवानपुर और चेहराकला के दो बच्चों को हृदय में छेद के ऑपरेशन के लिए भेजा गया। दोनों ही बच्चों को श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल अहमदाबाद भेजा गया। आरबीएसके की जिला समन्वयक डॉ शाइस्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत हृदय में छिद्र वाले बच्चों का निशुल्क जांच व ऑपरेशन कराया जाता है। इसमें जांच से लेकर ऑपरेशन तक की व्यवस्था निशुल्क होती है। 

ऑपरेशन के बाद भी बच्चों की निशुल्क जांच सदर अस्पताल में होती है। बच्चों में हृदय रोग सहित अन्य रोगों की पहचान के लिए आरबीएसके की टीम लगातार स्कूलों और आंगनबाड़ी सेंटर पर जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग करती है। संदिग्ध रोगी होने पर जांच और उपचार की व्यवस्था होती है। बुधवार को बच्चों को अहमदाबाद भेजने के दौरान सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन प्रसाद, डीपीएम डॉ कुमार मनोज, आरबीएसके डीसी डॉ शाइस्ता, डीएमएनई ऋतुराज, डीसीएम निभा रानी सिन्हा, डीडीए सूचित कुमार, डीईओ अशरफुल होदा सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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July 17, 2025
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परिवार नियोजन मेले से जिले में नए गर्भनिरोधक की हुई शुरुआत

-15 महिलाओं ने पहले ही दिन लगाया एमपीए सबक्यूटेनियस

-एमपीए सबक्यूटेनियस भी बास्केट ऑफ च्वाइस में हुआ शामिल 

वैशाली - विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल में मंगलवार को परिवार नियोजन पखवाड़ा मेला का आयोजन किया गया। इस मेले की विधिवत शुरुआत सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन प्रसाद ने की। मेले के दौरान डॉ प्रियंका ने 15 महिलाओं को एमपीए सबक्यूटेनियस लगाकर जिले में नए गर्भनिरोधक की शुरुआत भी की। मेले के दौरान सीएस डॉ श्यामनंदन प्रसाद ने कहा कि नए गर्भनिरोधक के जिले में सफल संचालन के लिए पीएसआई इंडिया के द्वारा तकनीकी सहयोग किया जा रहा है। मेले के अंदर छह स्टॉल लगे हैं। जिन पर परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधन के बारे में जानकारी व इच्छुक लाभार्थियों को निशुल्क सेवा भी मिलेगी। जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन काफी जरूरी है। इसका सकारात्मक प्रभाव खुशहाल जीवन के साथ अच्छे मेटरनल हेल्थ के लिए भी जरूरी है। मेले में जननी सूर्या क्लीनिक द्वारा भी अपना स्टॉल लगाया गया था। जिसमें संतोष कुमार एवं काउंसलर सोनिया लोगों को परिवार नियोजन पर जानकारी दे रही थीं।

जिले के पांच स्वास्थ्य केंद्रों पर एमपीए सबक्यूटेनियस की होगी व्यवस्था: 


डीसीएम निभा रानी सिन्हा ने बताया कि जिले में नए आए एमपीए सबक्यूटेनियस एक अंतरा सूई है। जो अंत: त्वचीय इंजेक्शन है। इसे लगाने में दर्द नहीं होता है। यह प्रीलोडेड इंजेक्शन है। वहीं अंतरा से इसमें दवा की मात्रा भी कम होती है। एमपीए सबक्यूटेनियस को जिले के सदर अस्पताल, गोरौल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एचडब्ल्यूसी इस्लामपुर, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोंधो तथा एचडब्ल्यूसी पीरोही में लगाया जाएगा। मौके पर एनसीडी पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ कुमार मनोज कुमार, पीसीआई इंडिया की सेकुमारी सुरभि, डीएमएनई ऋतुराज कुमार, डीएएम अमित आनंद, डीपीसी विकास कुमार, सुचित कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
 

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July 17, 2025
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जिले में 15 जुलाई से मनाया जायेगा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा

- बच्चों को स्वच्छता की शिक्षा जरूर दें अभिभावक व शिक्षक

- ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग से डायरिया से होने वाली मुत्यु को टाला जा सकता है

मोतिहारी - जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा 15 जुलाई से 14 सितंबर तक मनाया जायेगा। इस सम्बन्ध में डीसीएम ने बताया की पखवाड़ा को मनाने का मुख्य उद्देश्य जिले में दस्त के कारण होने वाली शिशु मुत्यु के शून्य स्तर को प्राप्त करना है। उन्होंने बताया कि 13 प्रतिशत तक मौत डायरिया के कारण होती है तथा इनमें से अधिकांश मौतें ग्रीष्म और मानसून के मौसम में होती हैं। डायरिया से होने वाली मुत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग से डायरिया से होने वाली मुत्यु को टाला जा सकता है। सिविल सर्जन डॉ रविभूषण श्रीवास्तव ने बताया की ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग, दस्त के दौरान होने वाले दिक्क़तो में काफ़ी असरदार है।उन्होंने बताया की आवश्यकतानुसार जिंक एवं ओआरएस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है।पखवाड़े के आयोजन को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक बच्चों को जिंक और ओआरएस  उपलब्ध करायी जा सके।
सिविल सर्जन ने बताया कि मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। जिसके कारण जहां सर्दी-खांसी, जुकाम समेत अन्य मौसमी बीमारी आम हो गई है। वहीं, इसके साथ डायरिया की भी संभावना बढ़ गई है। ऐसे में हमें विशेष सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। डायरिया से बचाव को लिए लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। दरअसल, बदलते मौसम में डायरिया के प्रकोप में आने का प्रबल संभावना हो जाती है। जिसके दायरे में कोई भी यानी सभी आयु वर्ग के लोग आ सकता है। उन्होंने कहा की बच्चों को स्वच्छता की शिक्षा देना काफ़ी जरूरी है इससे बच्चे कई प्रकार के रोगों से सुरक्षित हो सकते है। इसलिए अभिभावक, व शिक्षक इसपे ध्यान रखते हुए भोजन के पूर्ब एवं शौचालय के बाद हाथ धोना जरूर सिखाए।उन्होंने कहा की डायरिया के कारण अत्यधिक निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) होने से समस्याएं बढ़ जाती है और उचित प्रबंधन के अभाव में यह जानलेवा भी हो जाता है। इसके लिए डायरिया के लक्षणों के प्रति सतर्कता एवं सही समय पर उचित प्रबंधन कर बच्चों को डायरिया जैसे गंभीर रोग से आसानी से सुरक्षित किया जा सकता है।

स्वच्छ जल का उपयोग करें, स्तनपान के साथ ऊपरी आहार का सेवन करें :

डीआईओ डॉ एससी शर्मा ने कहा की नवजात बच्चों को दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार और भोजन जारी रखा जाना चाहिए. पीने के लिए साफ और सुरक्षित पेयजल का उपयोग करें. खाना बनाने और खाना खाने से पूर्व और बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोना जरूरी है. दस्त को रोकने के लिए शौचालय का उपयोग करें.खुले में शौच नहीं जायें. बच्चे के मल का सुरक्षित एवं त्वरित निपटान.स्तनपान जारी रखें, जिसमें उन बच्चों को स्तनपान कराना भी शामिल है जिन्हें स्तनपान कराया जा रहा है तथा बीमारी के दौरान और बाद में अतिरिक्त आहार दें.सुरक्षित संचालन के बाद स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें.माँ को भोजन तैयार करने से पहले, बच्चे को खिलाने से पहले तथा बच्चे का मल साफ करने के बाद अपने हाथ साबुन से धोने चाहिए।

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July 17, 2025
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कालाजार नियंत्रण के लिए 21 जुलाई से आईआरएस द्वितीय चक्र की होगी शुरूआत

- 15 प्रखंडों के 133 गांवों में होगा सिंथेटिक पॉयरेथॉइराइड का छिड़काव

- इस वर्ष कालाजार के 27 मरीज हुए हैं चिन्हित

 

मुज़फ़्फ़रपुर - जिले में कालाजार उन्मूलन के लिए 21 जुलाई से आईआरएस के द्वितीय चक्र की शुरुआत होगी। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि आईआरएस के द्वितीय चक्र में 15 प्रखण्डों के 133 कालाजार प्रभावित गाँवों के सभी घरों में 40 दलों द्वारा 60 कार्य दिवस के अन्दर सिंथेटिक पॉयरेथॉइराइड का छिड़काव कराने का लक्ष्य है। इसके लिए सभी प्रखंडों के एसएफडब्लू को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एसएफडब्लू प्रशिक्षण लेकर अपने प्रखंड के छिड़काव दल को प्रशिक्षित करेंगे। 


छिड़काव के साथ साथ दलों द्वारा कालाजार मरीजो की खोज भी की जायेगी और ग्रामीणों को कालाजार, मलेरिया, डेंगू, मस्तिष्क ज्वर तथा फाईलेरिया आदि से बचाव की जानकारी भी दी जायेगी। संभावित कालाजार मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित स्वास्थ्य केंद्र पे भेज कर जांच करवाई जाएगी। उन्होंने इसमे छिड़काव कर्मियों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्हें अच्छी तरह सभी घरों के सभी कमरों, पूजा घर, रसोई घर, बरामदा, गोशाला तथा शौचालय की दीवारों पर 6 फीट तक गुणवत्तापूर्ण छिड़काव के निर्देश दिए ताकि जिला मे कालाजार की स्थिति शून्य हो सके।

विदित हो कि जिले के सभी प्रखण्ड मानक के अनुरूप कालाजार उन्मूलन ( प्रखण्ड स्तर पर प्रति दस हजार की आबादी पर एक से कम मरीज) का लक्ष्य प्राप्त करने के दिशा में तेजी से अग्रसर है। वर्ष 2021 में कालाजार के 126, 2022 में 78, 2023 में 50, 2024 में 48 मरीज प्रतिवेदित हुए थे। इस वर्ष 2025 मे जून तक 27 कालाजार के मरीज मिले हैं जिनका ईलाज चल रहा है।


जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुधीर कुमार ने  बताया कि सभी प्रभावित गाँवों के शत प्रतिशत घरों मे गुणवत्तापूर्ण छिड़काव हमारा लक्ष्य है और इसके लिए ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित है।

मौके पर भीडीसीओ राकेश कुमार एवं विपीन कुमार, पिरामल पीएल इफ्तिखार अहमद खान, बीएचआई संजय रंजन एवं प्रदीप कुमार, भीबीडीएस राजीव रंजन सहित सभी प्रखंडों के एसएफडब्लू मौजूद थे।

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
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July 17, 2025
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दो गुजराती में फर्क : एक गुजराती जिसे चंपारण सत्याग्रह से सत्य और अहिंसा के लिए जाना तो वहीं दूसरा गुजराती चंपारण में झूठ, फरेब और ठग्गी के लिए जाना जाता हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी को बंधक बनाकर लोगों को बिहार में रखना चाहिए कि तुमसे ना हो पाएगा, अब बकस दो

ना पढ़ेगा इंडिया तभी तो सवाल नहीं कर पाएगा इंडिया 

इसी सिद्धांत के तहत पुनः अपने राजनीतिक और सामाजिक रैलियों में दिए जाने वाले भाषणों को जुमला कहने वाले 52वीं बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी कल सुबह 10 बजे मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) में आ रहे हैं। महात्मा गांधी से नफरत करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी को गांधी के सहारे ही आना पड़ रहा है। मोतिहारी नाम आते ही पूरे ब्रह्मांड में एक ही नाम आता हैं महात्मा गांधी और उनका अंग्रेजी हुकूमत के ख़िलाफ़ हल्ला बोल। जहां महात्मा गांधी को मोतिहारी से एक पहचान मिली और एक मजबूत रास्ता कि उन्हें विश्व स्तर का नेता बनाया और उसमें सत्य के साथ अहिंसा हथियार के रूप में रहा। वहीं उसके विपरीत आज आजाद भारत में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी मोतिहारी में जब भी आये झूठ बोलकर गए और फरेब कर लोगों का वोट लेकर ठगने का काम किया।

आपको बता दें कि भाजपा के नेताओं का सोशल मीडिया पर नया प्रोपगंडा शुरू हो गया है। जिसके अनुसार - "52वीं बार मोदी जी आ रहे हैं बिहार, बिहारवासियों को देने फिर से करोड़ों की सौगात, हर दिल में है उत्साह, हर नज़र को है इंतज़ार!"। कल 18 जुलाई को सुबह 10 बजे मोतीहारी के गाँधी मैदान में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में राजनीतिक सफ़र को सरकारी खर्चों पर शुरू किया जाएगा। भारत की आम जनता के मेहनत की कमाई को भारत सरकार और बिहार सरकार ने अपने स्तर पर बांट लिया। वहीं भारत सरकार के पास अधिक शक्ति होने के कारण जनतंत्र के जनता का शोषण कर धन जमा करने का अधिकार ज्यादा है और उसी में से बिहार सरकार को कुछ जुमले के रूप में परोसा जाएगा।

जुमले के रूप में इसलिए क्योंकि 2015 विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने मुजफ्फरपुर में चुनाव के पहले जैसे 18 जुलाई को आ रहे हैं कि तरह आकर बिहार की बोली लगाई थी और जो पैसे या धन राशि की घोषणा हुई आज तक नहीं आया। उसी तरह जो पैसे 10 साल पहले कहें गए वह नहीं आया तो कल मोतिहारी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जो बोलेंगे उसे जुमलेबाजी से ज्यादा कोई नहीं समझेंगा। 

18 जुलाई 2025 को तो बिहार और बिहारी को तैयार होकर रैलियों में भीड़ जुटाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी को घेरे और बंधक बनाकर पूछे यहीं गांधी चौराहे पर पूछेंगे सवाल और जवाब देकर तब जाओगे दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी बहुत हो गया है बिहार के साथ धोखाधड़ी और झूठे और जुमलों के साथ बिहार अब आपको माथे पर नहीं बिठाएगी। बिहार में बिहारियों के सम्मान की बात है और अब नौटंकी नहीं चलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी पर बिहार भरोसा नहीं करता है इसलिए इस बार जुमलेबाजी के चक्कर में नहीं पड़ेगा बिहार।

18 जुलाई को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी आ रहे बिहार, चलो घेरों और करो सवाल  के साथ बिहार को आगे बढ़ना चाहिए।

जागो बिहार जागो

जय बिहार जय बिहारी 

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
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July 17, 2025
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कौन जिम्मेदार इस पर बात नहीं, परिवार की हत्या होती हैं और परिवार व रिश्तेदार तक चुप वहीं समाज अपनी बारी के इंतजार में ?

भारत का संविधान नपुंसक ही दिखाई देता है जिससे कुछ पैदा नहीं हो सकता हैं, इसलिए सत्ताधारी व विपक्षी एक दूसरे पर निर्भर होकर जिम्मेवारी से मुक्त रहते हैं

आखिर परिवार, रिश्तेदार, मित्र और समाज की एक व्यक्ति के जीवन में क्या स्थान रखता है। परिवार पैसे वाले को प्राथमिकता देता है जो बच्चा घर में ज्यादा पैसा देता है, रिश्तेदार वहीं स्थिति में हैं जहां परिवार खड़ा हैं। मित्र पर सबसे ज्यादा उम्मीद और भरोसा होता हैं लेकिन अब मित्रता भी मऊगा हो गया है। और रही समाज की बात तो वह यह देख रहा है कि मेरे साथ तो नहीं हुआ है और अपनी मौत का इंतजार करते रहता है। भारत का परिवेश पूर्णतः बदल गया है और यहां जिम्मेदारी किसी की नहीं होती हैं। यहां का प्रशासनिक संरचना इतना निम्न स्तर का है कि वह स्वयं से देखकर कोई फैसला नहीं करता है और आवेदन का इंतजार करता रहता है। आंखों के सामने होने वाली घटनाओं और दुर्घटनाओं पर या अवैध कब्जा व निर्माण पर किसी व्यक्ति के मौत के बाद भी चुप रहने की ताकत रख पाता है।

भारत का संविधान नपुंसक बना कब तक इस देश की जनता के साथ खिलवाड़ करता रहेगा। संविधान में सरकार को किसी बात के लिए जिम्मेदार ठहराया ही नहीं हैं और अगर जिम्मेदार ठहराया होता तो अबतक कितने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को मौत की सज़ा हो चुकी होती। लेकिन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कुछ भी करें और आम लोगों की हत्या करते रहें लेकिन संविधान उसके खिलाफ नहीं जा सकी आज तक। भारत में भारत का संविधान राष्ट्रपति के नाम से संचालित होता हैं और राष्ट्रपति भारत में अब अनुकंपा और दया पर बनता है। वैसी स्थिति में राष्ट्रपति मुख्य संरक्षक बनकर भारत की जनता के लिए अपराधमुक्त प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का चयन कराते आ रहे हैं।

आज परिवार के किसी सदस्य को कोई गोली मारकर चला जाता हैं और उस परिवार का कोई भी व्यक्ति सामने आकर सवाल करने वाले खाकी वर्दी से दो थप्पड़ जड़ कर सवाल नहीं करता कि तू् किस बात का पैसा लेकर इस क्षेत्र में रहता है। कोई अधिकारी जो अपने आप को IAS/IPS कहता है और उसके हस्ताक्षर से ही हथियार मिलता है तो किस व्यक्ति को यह हथियार दिया जिससे मेरे परिवार के सदस्य को गोली मारी गई? परिवार यह सवाल करने की हिम्मत नहीं जुटा सकता हैं वहां के स्थानीय विधायक और सांसद से की किस बात का टैक्स वसूली करते हो जब हमारे परिवार को ही मरवा देते हो ?

परिवार में किसी की भी हत्या होती हैं तो परिवार खत्म होने के कगार पर आ जाता हैं। संविधान को एक गंभीर और जिम्मेदार बनाने की आवश्यकता है। अगर कोई भी अपराधी है तो संविधान सजा दिलाए। अगर संविधान के संचालक अवैध गैंग बनाकर संसद में बैठकर लोगों की हत्या कराते रहे तो कल इस देश में 50% आबादी हथियार लेकर खड़ा मिलेगा। भारतीय जनता को मतदान करते समय वैसे सभी को समझना चाहिए जो उस क्षेत्र में चुनाव में आते हैं। नेतृत्व क्षमता जिसमें ना हो और हमारी सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता हैं वैसे सांसद और विधायक नहीं चुने जाने की जगह उम्मीदवार ही नहीं हो।

सदनों के सदस्य और प्रशासनिक अधिकारी का सर आम लोगों के सामने झुका हुआ रहना चाहिए। सदनों के सदस्यों को और प्रशासनिक अधिकारी को सर उठाना हैं तो आतंकी व्यवस्था पर उठायें। आम लोगों को लेकर गंभीरता से विचार करने में भागीदारी सुनिश्चित करने वाले लोगों को लेकर समाज को विचार करना चाहिए। 

डर का माहौल ना बनाये कानून से न्याय का रास्ता प्रशस्त करें। - राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री।

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July 15, 2025
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काजल राघवानी की पारिवारिक और सामाजिक फिल्म "वैदेही" 18 जुलाई को होगी रिलीज, पटना में ट्रेलर हुआ लॉन्च

एक आदर्श बहू, बेटी और स्त्री की भूमिका में हैं, जो पारिवारिक मर्यादा और आत्मसम्मान को केंद्र में रखती हैं

भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री काजल राघवानी एक बार फिर सशक्त भूमिका में बड़े पर्दे पर नजर आने वाली हैं। उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्म "वैदेही" 18 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। इससे पहले पटना के होटल एग्जॉटिक में फिल्म का भव्य ट्रेलर लॉन्च किया गया, जिसमें फिल्म की प्रमुख कास्ट और निर्माण टीम मौजूद रही।

ड्रीमलैंड एंटरटेनमेंट हाउस के बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन और लेखन वीरू ठाकुर ने किया है, जबकि निर्माण की जिम्मेदारी अरुण पाण्डेय ने निभाई है। ट्रेलर लॉन्च के मौके पर अभिनेता प्रकाश जैश ने कहा कि यह फिल्म सामाजिक सरोकार और पारिवारिक मूल्यों पर आधारित है, जो महिला प्रधान फिल्म है। उन्होंने दर्शकों से फिल्म को परिवार के साथ देखने की अपील भी की। ऐसे फिल्मे बड़ी मेहनत से बनती है। इस फिल्म में एक आदर्श बहू, बेटी और स्त्री की भूमिका में हैं, जो पारिवारिक मर्यादा और आत्मसम्मान को केंद्र में रखती हैं। उनके अभिनय में भावनाओं की गहराई और संवाद अदायगी की सशक्तता स्पष्ट रूप से दिखती है। फिल्म का हर दृश्य दर्शकों को नारी शक्ति का अहसास कराता है।

फिल्म "वैदेही" में अहम भूमिका निभा रहे नवोदित अभिनेता मनीष तिवारी ने ट्रेलर लॉन्च के दौरान कहा कि वैदेही सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुभव है। इसमें हमारी संस्कृति, परंपरा और नारी सम्मान की गहराई को बखूबी दिखाया गया है। यह फिल्म दर्शकों को सोचने पर मजबूर करेगा। मुझे खुशी है कि मैं इस तरह की संजीदा और सामाजिक संदेश देने वाली फिल्म का हिस्सा बना हूं।



फिल्म वैदेही में काजल राघवानी के साथ-साथ नवोदित मनीष तिवारी, काजल राघवानी, मनोज टाइगर, प्रकाश जैश, विनय बिहारी, लाडो मधेशिया, शिल्पी राघवानी, लोटा तिवारी, संजय वर्मा, धामा वर्मा जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे। फिल्म की कहानी एक ऐसी नारी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने संस्कार, संघर्ष और स्वाभिमान से पूरे समाज के लिए एक मिसाल बन जाती है। फिल्म का संगीत भी इसकी एक प्रमुख ताकत है। मधुकर आनंद द्वारा संगीतबद्ध गीतों को प्यारे लाल यादव, संतोष उत्त्पाती, यादव राज और संदीप साजन ने लिखा है। नृत्य निर्देशन कानू मुखर्जी और सोनू प्रीतम ने किया है, जो फिल्म में काजल की स्क्रीन प्रजेंस को और जीवंत बनाते हैं। छायांकन की जिम्मेदारी जी.एल. बाबू ने और संपादन संतोष हराबड़े ने किया है।

फिल्म "वैदेही" केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है। यह परंपरा और आधुनिक सोच के संतुलन को प्रस्तुत करती है और उन दर्शकों के लिए खास है जो परिवार केंद्रित और भावनात्मक सिनेमा से जुड़ाव रखते हैं। निर्माता और निर्देशक ने फिल्म को एक ऐसी प्रस्तुति बताया जो पटकथा, संवाद और अभिनय की गहराई के लिए जानी जाएगी।

18 जुलाई को जब यह फिल्म सिनेमाघरों में दस्तक देगी, तो दर्शक एक संस्कारों से भरी, प्रेरणादायक और भावनात्मक कहानी से रूबरू होंगे, जिसकी झलक पहले से ही ट्रेलर में नजर आ रही है। काजल राघवानी की यह भूमिका निश्चित रूप से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाएगी। मौके पर अभिनेता धामा वर्मा, फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर शशि भूषण मौजूद रहे।

Manish Kumar Singh By Manish Kumar Singh
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